ग्रामीण क्षेत्रों में खाते ज्यादा लेकिन शहरों की तुलना में जमा रकम बेहद कम

Deposit: SBI के अध्ययन के मुताबिक भारत में कुल 173 करोड़ बचत बैंक खाते हैं, जिनमें से 63.6 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में हैं.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 1, 2021, 04:00 IST
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IMAGE: PIXABAY, अध्ययन से पता चलता है कि 173 करोड़ बचत खातों में मार्च 2020 तक जमा की गई कुल रकम 45.25 लाख करोड़ रुपये थी. लगभग 16.5 लाख करोड़ रुपये जमा के साथ मेट्रोपॉलिटन सेगमेंट पहले नंबर पर रहा. अर्बन और सेमी अर्बन में क्रमश: 10.3 लाख करोड़ रुपये और 10.4 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखी गई.

IMAGE: PIXABAY, अध्ययन से पता चलता है कि 173 करोड़ बचत खातों में मार्च 2020 तक जमा की गई कुल रकम 45.25 लाख करोड़ रुपये थी. लगभग 16.5 लाख करोड़ रुपये जमा के साथ मेट्रोपॉलिटन सेगमेंट पहले नंबर पर रहा. अर्बन और सेमी अर्बन में क्रमश: 10.3 लाख करोड़ रुपये और 10.4 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखी गई.

Deposit: भारत में बैंकिंग क्षेत्र में पिछले दस सालों में बहुत बदलाव आया है, खासकर पीएम जन धन योजना (PM Jan Dhan Yojona) के शुरू होने के बाद इस फाइनेंशियल इंक्लूजन स्कीम ने बड़ी संख्या में लोगों को बैंकिंग सिस्टम के साथ जोड़ा है. हाल के एक अध्ययन में, भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने बताया कि ग्रामीण भारत में बचत बैंक खातों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन शहरी शाखाओं के मुकाबले डिपॉजिट्स कम हैं. दुनिया भर में भारत के पास सबसे ज्यादा डिपॉजिट्स के साथ एक बहुत बड़ा कस्टमर बेस है. भारतीय बचत खाते किस तरह समय के साथ बदल रहे हैं, एसबीआई के अध्ययन में इस पर कई तथ्य सामने आए हैं.

ग्रामीण भारत में ज्यादा संख्या में खाते मौजूद

मार्च 2020 तक भारत में दुनिया भर में सबसे ज्यादा बचत खाते देखे गए हैं. अध्ययन के मुताबिक भारत में कुल 173 करोड़ बचत बैंक खाते हैं, जिनमें से 63.6 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में हैं.

इन 63.6 करोड़ खातों में से 50% से ज्यादा खाते पीएम जन धन योजना के तहत खुले हैं. ये साबित करता है कि इस योजना का भारतीय बैंकिंग उद्योग पर और खास तौर पर ग्रामीण भारत पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है.

वर्तमान सरकार की इस खास स्कीम के जरिए 1.46 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए गए हैं. ग्रामीण सेगमेंट के अलावा, बैंकिंग प्रणाली में तीन और श्रेणियां हैं सेमी अर्बन, अर्बन और मेट्रोपॉलिटन. इन क्षेत्रों में कुल बचत खातों की संख्या क्रमशः 54 करोड़, 27.1 करोड़ और 28.3 करोड़ है.

मूल्य के लिहाज से ग्रामीण भारत में महानगरीय शहरों के मुकाबले दोगुने से ज्यादा बचत खाताधारक हैं, SBI की एक स्टडी में इसका जिक्र किया गया है.

जमा राशि

अध्ययन से पता चलता है कि इन 173 करोड़ बचत खातों में मार्च 2020 तक जमा की गई कुल रकम 45.25 लाख करोड़ रुपये थी.

लगभग 16.5 लाख करोड़ रुपये जमा के साथ मेट्रोपॉलिटन सेगमेंट पहले नंबर पर रहा. अर्बन और सेमी अर्बन में क्रमश: 10.3 लाख करोड़ रुपये और 10.4 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखी गई.

ग्रामीण क्षेत्र का कलेक्शन महज 8 लाख करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा है, जो महानगरीय क्षेत्र की बचत रकम का आधा ही है.

मेट्रोपोलिटन की जमा रकम

अगर हम एवरेज बैलेंस की बात करें तो, कुल रकम को खातों की संख्या से विभाजित करने पर महानगरीय क्षेत्र 58,021 रुपये के औसत बेलेंस के साथ पहले नंबर पर था. दूसरी ओर, ग्रामीण क्षेत्रों में औसत बैलेंस 12,677 रुपये प्रति खाता ही है.

मूल्य के संदर्भ में, देश के मेट्रो शहरों में जमा रकम ग्रामीण भारत के मुकाबले लगभग पांच गुना ज्यादा है. हालांकि, अर्बन का औसत बैलेंस 37,900 रुपये है और सेमी अर्बन के लिए प्रति खाता 19,247 रुपये है.

ब्याज आय बहुत कम

बचत खाते से जुड़े ये सभी आंकड़े देखने में अच्छे लगते हैं, लेकिन जब इंट्रेस्ट इनकम की बात आती है, तो तस्वीर अलग है.

इस अध्ययन में बचत बैंक खाते में 3% सालाना इंट्रेस्ट इनकम की बात की गई है. स्वाभाविक तौर पर मेट्रोपोलिटन में बचत खाते में सबसे ज्यादा ब्याज मिलता है, 49,000 करोड़ रुपये, इसके बाद अर्बन और सेमी अर्बन, दोनों ही में 31,000 करोड़ रुपये की रकम देखस गई और ग्रामीण क्षेत्रों में ये रकम 24,000 करोड़ रुपये थी.

Published - September 1, 2021, 04:00 IST