कोविड पीड़ित परिवारों के क्लेम जल्द पास होने का रास्ता खुला, हुआ बड़ा फैसला

IBA ने कहा है कि पंचायतों और आंगनवाड़ी वर्कर्स के जारी किए गए मृत्यु दस्तावेजों को क्लेम सेटलमेंट के वैध माना जाए.

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Pixabay, अगर अंशधारक ऑनलाइन नॉमिनेशन कराते हैं तो उन्हें बाद में NOC की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी.

Pixabay, अगर अंशधारक ऑनलाइन नॉमिनेशन कराते हैं तो उन्हें बाद में NOC की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी.

पंचायतों और आंगनवाड़ी वर्कर्स के जारी किए गए डेथ सर्टिफिकेट (मृत्यु प्रमाणपत्र) को अब कोविड-19 के पीड़ितों के क्लेम जल्द सेटल करने में इस्तेमाल किया जा सकेगा. इससे कोरोना महामारी से मरने वालों के परिवारों के दावे जल्द निस्तारित हो पाएंगे. इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने अपने सदस्य संगठनों से कहा है कि अगर नगर पालिकाएं डेथ सर्टिफिकेट जारी करने में देरी करती हैं तो  पंचायतों और आंगनवाड़ी वर्कर्स के जारी किए गए मृत्यु दस्तावेजों को क्लेम सेटलमेंट के लिए वैध माना जाए.

लोगों की मुश्किलें आसान करें बैंक

इससे बड़ी संख्या में ऐसे परिवारों को राहत मिलेगी जो कि कोविड से मरने वाले घर के किसी सदस्य के क्लेम के लिए परेशान हो रहे हैं.

IBA ने ट्वीट कर कहा है, “इंडियन बैंक्स एसोसिएशन बैंकों को सलाह देता है कि वे कोविड-19 का शिकार हुए लोगों के परिवारीजनों को बकाया रकम और क्लेम्स को तुरंत सेटल करें ताकि उन्हें मुश्किलें न आएं.”

क्लेम निस्तारित करने में मदद करें बैंक

IBA ने इस बाबत डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज के एक बयान का भी जिक्र किया है और कहा है कि इस तरह के क्लेम्स को निस्तारित करने में बैंकों को देरी नहीं करनी चाहिए और इस तरह से पीड़ित परिवारों की मुश्किलों को कम करना चाहिए.

IBA करीब 250 बैंकों और वित्तीय संस्थानों के मैनेजमेंट की सदस्यता वाली सबसे बड़ी संस्था है. IBA ने अपने सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे कोविड-19 से मरने वाले लोगों के परिवारों के दावों को जल्द निपटाने में सक्रियता से कदम उठाएं.

डॉक्युमेंटेशन की दिक्कत

मंगलवार को अपनी अपील में IBA ने बैंकों से कहा है कि वे ऐसे परिवारों के मामले जल्द निस्तारित करने के लिए अपने यहां शिकायत निस्तारण अधिकारियों को तय करें.

स्टेट बैंक (SBI) के एक अधिकारी ने कहा है कि पर्याप्त डॉक्युमेंटेशन के अभाव में कोविड-19 से जुड़े हुए कुछ मामलों को निस्तारित करने में वक्त लग जाता है. उन्होंने कहा कि अब IBA का संदेश आने के बाद इनमें तेजी आ सकती है.

इंश्योरेंस क्लेम

IBA ने ये भी कहा है कि इस तरह के मामलों में बीमा दावों के तुरंत निपटारे की भी जरूरत है. IBA ने सोशल मीडिया पर लिखा है, “अगर मृत शख्स PMJJY या PMSBY से जुड़ा हुआ था तो बैंकों को उनके इंश्योरेंस क्लेम भी निपटाने में मदद करनी होगी. बैंक स्टाफ को ऐसे परिवारों को हर मुमकिन मदद देनी चाहिए.”

PMJJBY और PMSBY

PMJJBY यानी प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और PMSBY यानी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से बड़े पैमाने पर आम लोग जुड़े हुए हैं.

18 से 50 साल की उम्र का कोई भी शख्स PMJJBY ले सकता है. इसमें सालाना 330 रुपये के प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का कवर मिलता है.

PMSBY के तहत 18 से 70 साल का कोई भी शख्स कवर ले सकता है. इसमें 2 लाख रुपये का एक्सीडेंटल डेथ कवर और 1 लाख रुपये का आंशिक अपंगता क्लेम मिलता है. इसका सालाना प्रीमियम 12 रुपये है.

Published - June 9, 2021, 12:08 IST