Cheque या DD से करने जा रहे हैं लेनदेन तो समझ लें दोनों में ये बड़ा अंतर

Cheque or DD: चेक की सुविधा केवल संबंधित बैंक में अकाउंट रखने वाले को ही होती है, लेकिन डीडी बनवाने के लिए बैंक में अकाउंट होना जरूरी नहीं है.

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बैंक ने कहा है कि PNB के टोल-फ्री नंबर 1800-180-2222 पर कॉल कर के नई चेकबुक से जुड़ी किसी भी तरह की समस्याओं का निवारण पाया जा सकता है

बैंक ने कहा है कि PNB के टोल-फ्री नंबर 1800-180-2222 पर कॉल कर के नई चेकबुक से जुड़ी किसी भी तरह की समस्याओं का निवारण पाया जा सकता है

Cheque or DD: चेक ( Cheque) और डीडी (DD). सुनने में नए शब्‍द नहीं है. सालों से सुनते आ रहे हैं और इसमें डील भी कर रहे हैं. इसके बावजूद कई लोग इसमें कन्फ्यूज हो जाते हैं. आज हम आपको दोनों में अंतर बताने जा रहे हैं. जिससे ये कांसेप्‍ट क्लियर हो जाए.

ये होता है डीडी

डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) कैशलेस ट्रांजैक्शंस का एक जरिया है. इसे किसी भी बैंक से बनवाया जा सकता है. डीडी जिस व्यक्ति के नाम पर बनाया जाता है उसी के अकाउंट में यह ट्रांसफर होता है.

डीडी बनवाने वाला या तो कैश देकर इसे बनवा सकता है या फिर अपने अकाउंट की मौजूदगी वाले बैंक से बनवाने पर अपने अकाउंट से पैसा कटवा सकता है.

डीडी का अमाउंट इनकैश करावाने के लिए डीडी बनवाए जाने का कारण बताना होता है. इससे संबंधित दस्‍तावेज बैंक को दिखाने होते हैं. इसके बाद बैंक डीडी का अमाउंट इनकैश करता है.

बैंक में अकाउंट होना जरूरी नहीं

चेक की सुविधा केवल संबंधित बैंक में अकाउंट रखने वाले को ही होती है, लेकिन डीडी बनवाने के लिए बैंक में अकाउंट होना जरूरी नहीं है. अगर कभी चेक खो जाता है और यह अकाउंट पेयी नहीं है तो उसका गलत इस्‍तेमाल होने की आशंका अधिक होती है.

कोई भी व्‍यक्ति बेयरर बनकर उसे इनकैश करा सकता है, लेकिन डीडी के साथ ऐसा नहीं है. इसके द्वारा केवल बैंक अकाउंट में ही पेमेंट होता है, इसलिए इसके खो जाने पर इसे इनकैश नहीं कराया जा सकता. खो जाने की स्थिति में इसे कैंसिल कराया जा सकता है. इसके चलते यह चेक से ज्यादा सुरक्षित है.

डीडी कभी बाउंस नहीं होता

कई बार स्‍टैंडर्ड चेक से फंड ट्रांसफर में कई दिन का वक्‍त लग जाता है. लेकिन डीडी के अमाउंट को अकाउंट में पहुंचने में एक कामकाजी दिन का ही वक्‍त लगता है.

चेक और डीडी में सबसे बड़ा फर्क यह है कि डीडी केवल अकाउंट में ही पे होता है. जिसके नाम पर यह ऑर्डर है, वह इसे अपने अकाउंट से इनकैश करा सकता है.

वहीं चेक अकाउंट में जमा भी कराया जा सकता है और बिना जमा कराए बीयरर द्वारा इनकैश भी कराया जा सकता है.

अकाउंट में पर्याप्‍त अमाउंट न होने की स्थिति में चेक बाउंस हो जाता है, लेकिन डीडी कभी बाउंस नहीं होता, क्‍योंकि इसके लिए डीडी बनवाने वाला व्‍यक्ति पहले ही पेमेंट कर चुका होता है.

ज्‍यादातर शिक्षण संस्‍थानों और कई जॉब्‍स के लिए फीस ट्रांसफर के जरिए के तौर पर डीडी का ही इस्‍तेमाल होता है.

डीडी को रुपये के अलावा जरूरत पड़ने पर दुनिया की किसी भी करेंसी में बनवाया जा सकता है. बैंक डीडी बड़े और इंटरनेशनल ट्रांजेक्‍शन के लिए एक अच्‍छा जरिया है.

Published - June 8, 2021, 04:24 IST