तुरंत क्लियर होगा आपका चेक, आ रहा है Cheque Truncation System

चेक ट्रंकेशन सिस्टम सिस्‍टम के लागू हो जाने के बाद आपका चेक (Cheque) जल्‍दी क्लियर होगा. इसके लिए आपको इंतजार नहीं करना होगा.

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सामान्‍य तौर पर चेकबुक डिलिवर होने में 7 दिन लग जाते हैं.

सामान्‍य तौर पर चेकबुक डिलिवर होने में 7 दिन लग जाते हैं.

Cheque Truncation System सितंबर 2021 से सभी बैंकों में लागू हो जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसकी घोषणा की है. इस सिस्‍टम के लागू हो जाने के बाद आपका चेक (Cheque) जल्‍दी क्लियर होगा. इसके लिए आपको इंतजार नहीं करना होगा. बजट 2021 के बाद पहली बार मॉनेटेरी पॉलिसी बैठक की घोषणाएं करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, लगभग 18,000 बैंक अभी भी चेक ट्रंकेशन सिस्टम के तहत नहीं हैं. इस प्रक्रिया के तहत, चेक जारीकर्ता क्लियरिंग के लिए प्रस्तुत किए गए चेक से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक विवरण प्रस्तुत करता है. मौजूदा समय में सीटीएस देश के प्रमुख क्लीयरिंगहाउस में चालू है. आरबीआई ने इस व्‍यवस्‍था को साल 2010 में शुरू किया था. अभी सीटीएस कुछ बड़े शहरों में ही काम कर रहा है. लेकिन अब इसे पूरे देश में सिबंतर से लागू कर दिया जाएगा. केंद्रीय बैंक ने चेक आधारित लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) को लागू करने का निर्णय लिया है. यह नया नियम 1 जनवरी, 2021 से लागू हुआ है. यह सिस्टम 50,000 या इससे बड़े अमाउंट के चेक के जरिए पेमेंट पर लागू होगा.

CTS से इस तरह जल्‍दी क्लियर होता है चेक
चेक ट्रंकेशन सिस्‍टम चेक को क्‍लीयर करने की एक प्रक्रिया है. इसमें जारी किए गए फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है. यह चेक जिस बैंक में प्रस्‍तुत किया जाता है, वह यहां से अदाकर्ता बैंक शाखा तक की यात्रा करता है. इस तरह इसे क्‍लीयर होने में समय लगता है. सीटीएस में यही प्रक्रिया आसान हो जाती है. इसमें डिजिटल माध्‍यम का इस्‍तेमाल किया जाता है. जिससे चेक क्लियर होने में समय नहीं लगता. अभी चेक को क्लियर करने के लिए एक बैंक से दूसरी बैंक में पहले चेक भेजा जाता है. इसी के चलते इसमें समय ज्‍यादा लगता है. लेकिन सीटीएस में चेक की फोटो खींचकर भेज दी जाती है. इससे चेक को एक बैंक से दूसरी बैंक में भेजने में लगने वाला समय बचता है. वहीं चेक की इलेक्ट्रॉनिक इमेज भेजे जाने से इसके अलावा चेक एक जगह से दूसरी जगह फिजिकली भेजे जाने पर उसके गुम होने या डैमेज होने का खतरा रहता है. लेकिन सीटीएस में ऐसा कोई झंझट नहीं है. ये प्रक्रिया आसान होने के साथ-साथ सुरक्षित भी है. पिछले काफी समय से इसे शुरू करने के लिए तैयारी की जा रही थी.

रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत रखी गई
आरबीआई ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो को 4 फीसदी पर बरकरार रखा. रिवर्स रेपो दर 3.35 फीसदी पर ही रखी गयी. रेपो वह दर है जिसपर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन का उधार देता है. रिवर्स रेपो दर वह दर है जिस पर बैंक अपना जमा राशि केंद्रीय बैंक के पास रखते हैं.

Published - February 6, 2021, 11:00 IST