कोरोना की महामारी ने भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है. ऑनलाइन बिजनेस अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच चुका है और इसने पेमेंट करने के कई नए तरीके भी इजाद किए हैं. इसी में से एक Buy Now Pay Later (BNPL) है. Worldpay की रिपोर्ट के अनुसार, BNPL भारत में तेजी से बढ़ रहा ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम है और अनुमान है कि 2024 तक इसका ई कॉमर्स मार्केट शेयर 9 फीसदी हो जाएगा.
भारत में युवाओं अर्थात, Gen-Z की जनसंख्या बहुत अधिक हैं, और ये स्मार्टफोन और डिजिटल पेमेंट का खूब इस्तेमाल करते हैं. बीते सालों में देश में, खासतौर पर टियर-2 और 3 के शहरों में, ऑनलाइन खरीदारी करने वालों की संख्या तेजी से इजाफा हुआ है. माना जा रहा है कि कोरोना के बाद भी इसमें कोई कमी नहीं आएगी.
फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी उद्योग ने पाया है कि BFSI सेगमेंट कुछ क्रेडिट गैप है, और अब यह उद्योग नई पीढ़ी के लिए क्रेडिट के नए विकल्प पेश कर रहा है. देश के कई बैंक अब BNPL क्षेत्र में कदम रख रहे हैं. ये बैंक, बदलते वित्तीय बाजारों को देखते हुए विभिन्न मर्चेंट से संपर्क कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहना चाहते हैं.
BNPL छोटी अवधि का क्रेडिट मॉडल है, जहां ग्राहकों को ऑनलाइन खरीद पर किसी तरह का ब्याज भुगतान नहीं करना पड़ता. इसमें ग्राहक किस्तों में भुगतान कर सकता है. और इसमें क्रेडिट कार्ड की तरह फीस नहीं चुकानी पड़ती. साथ ही इसमें तय अवधि में भुगतान न कर पाने पर कोई शुल्क भी नहीं लगता. असल में कोरोना महामारी की वजह से बढ़ी आर्थिक अनिश्चितता , नौकरी जाना, वेतन कटौती आदि के कारण लोग इस मॉडल को पसंद कर रहे हैं.
जैसे-जैसे डिजिटल पेमेंट का बाजार बढ़ता हैं, वैसे-वैसे ग्राहकों की सुरक्षा अहम विषय होता जा रहा है. मर्चेंट भी भरोसेमंद तकनीक अपनाने में जोर दे रहे हैं. इस बीच रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की भी जरूरत महसूस हो रही है. इससे BNPL जैसे विकल्प और मजबूत हो सकेंगे. साथ ही नए दिशानिर्देशों से भुगतान के विभिन्न स्कीमों की विश्वसनीयता में इजाफा होगा.
आने वाले समय में BNPL तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिलेगा. ई-कॉमर्स का बाजार अब अधिक प्रतिस्पर्धी होता जा रहा है, चूंकि मर्चेंट भी खुद को अलग दिखाने की कोशिश में हैं, इसलिए वे BNPL को अपना रहे हैं. ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए इस मॉडल में कैशबैक और रिवार्ड जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह मॉडल कुछ सेक्टरों को भी देखने को मिले.
(लेखक- Worldpay फ्रॉम FIS के एशिया-पैसिफिक के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.)