Buisness Loan: कौन नहीं चाहता कि उसका खुद का बिजनेस हो. अक्सर बिजनेस को बढाने के लिए पूंजी की आवश्यकता पड जाती है.
इसके लिए हम बैंक का सहारा लेते हैं, लेकिन सही प्लानिंग नहीं होने से लोन Buisness Loan आवेदन रिजेक्ट हो जाती है. यहां हम आपको नौ ऐसी बाते बताने जा रहे हैं, जिस पर अमल करके आपको आसानी से लोन मिल सकता है.
बिजनेस लोन के लिए आवेदन से पहले आपको रेवेन्यू मॉडल, पूंजी की जरूरत, अनुमानित वृद्धि, अनुमानित सेल और अनुमानित फायदे को दिमाग में रखकर एक सटीक योजना बनानी चाहिए.
ऋणदाता को समझाएं कि आप अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए इस रकम का इस्तेमाल कैसे करेंगे.
लोन लेने से पहले अच्छे से जांच परख लें. ये आंकना बेहद जरूरी है कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच आपको कौन सा लेंडर (lender) अच्छा प्लान दे सकता है.
भले ही बैंक आपके स्टेटस को देखकर आपको ज्यादा लोन ऑफर करे, लेकिन आपको अपनी जरूरत के मुताबिक ही लोन लेना चाहिए.
ठीक से जोड़ लें कि आपको कितनी पूंजी की जरूरत पड़ने वाली है और उसी रकम का आवेदन करें. इसके अलावा ब्याज (interest ) कम रखने के लिए डाउन-पेमेंट(down-payment) को बढ़ा दें.
अगर आप कागज पर अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से लिखने में सक्षम हैं, तो लोन देने वाले को ये समझाना आसान होगा कि आपको आखिर क्या चाहिए.
कागज पर साफ सुथरा प्लान आपके लक्ष्य तक पहुंचने की गंभीरता को दिखाता है और ये भी कि आप कोई आसान रास्ता अपनाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को समय समय पर अपडेट करना बेहद जरूरी है. दरअसल, लोन देने वाले को इस रिपोर्ट से आपके प्रारंभिक मूल्यांकन यानि आपके लोन चुकाने की क्षमता की जांच करने में आसानी होती है.
एक बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड आपको बिजनेस लोन आसानी से दिलवाने में मदद करता है.
व्यवसायों को हमेशा उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है, इसलिए आपको हमेशा ऐसे लोन का विकल्प लेना चाहिए जिसमें री पेमेंट की व्यवस्था लचीली हो.
कुछ लेंडर्स लोन के भुगतान के लिए प्लान बी या कॉलेट्रल (collateral ) की डिमांड रखते हैं. अब कॉलेट्रल की व्याख्या करते वक्त सावधानी जरूर बरतें. अगर जरूरी लगे, तो किसी भरोसे के आदमी से सलाह जरूर लें.
अगर आप छोटा बिजनेस लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो बैंक हाल के सालों की वित्तीय जानकारी मांगेंगे. क्योंकि ये उन्हें आपकी वित्तीय स्थिति की एक स्पष्ट तस्वीर देगा.
लेंडर को अपना प्लान दिखाएं और साथ ही भविष्य के लक्ष्यों पर भी जरूर बात करें.
वित्तीय रिपोर्ट जैसे बुनियादी पेपर्स के अलावा, दूसरे दस्तावेज़ों को पहले से तैयार रखें. इन दस्तावेजों में एक बिजनेस लाइसेंस, संपत्ति का पट्टा (lease of property) और स्वामित्व (proof of ownership) का प्रमाण शामिल है.
लोन की री पेमेंट की रकम में शुल्क और EMI भी जोड़ें. आप लोन किससे ले रहें हैं, ये तय करने से पहले लोन से जुड़े सभी नियमों और शर्तों को समझें. सटीक जानकारी पता होने से आप उससे जुड़े परिणामों को पहले से ही भांप पाएंगे.