गुजरात सरकार ने राज्य के सभी बैंकों को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ग्राहकों से संबंधित कामकाज करने के लिए कहा है. मंगलवार को जारी एक सर्कुलर के मुताबिक, बैंकों को ग्राहकों को केवल जरूरी सेवाएं ही देनी होंगी. बैंकों में भीड़ न हो उसका भी ध्यान देना होगा. राज्य सरकार की राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति के साथ विचार-विमर्श के बाद, वित्त विभाग ने इन सिफारिशों को लागू करने के लिए पत्र भेजा है. सरकार की और से बैंकों को दी गई सूचना के मुताबिक, ATM में हर वक्त नकदी होनी चाहिए और ग्राहकों को ऑनलाइन भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. बैंकों में केवल 50 फीसदी स्टाफ को ही बुलाना होगा.
बैंक यूनियनों ने सीएम को लिखी थी चिट्ठी
गुजरात में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हर रोज रिकॉर्ड संख्या में नए केस आ रहे हैं. इस बीच, बैंक यूनियनों ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पत्र लिखकर उन्हें कोरोना महामारी के मद्देनजर बैंको के संचालन में कुछ बदलाव करने की मांग की थी. बैंक में एक समय में केवल चार ग्राहकों को प्रवेश करने, दो महीने तक हर शनिवार बैंकों को बंद रखने और किसी भी कर्मचारी के पॉजिटिव होने पर शाखा को 48 घंटे के लिए बंद रखने की मांग पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत की गई थी.
30 से ज्यादा बैंक कर्मचारियों ने कोविड से गंवाई है जान
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में, महागुजरात बैंक कर्मचारी संघ और गुजरात बैंक वर्कर्स यूनियन ने कहा था कि कोरोना की इस दूसरी लहर में, गुजरात भर में 30 से अधिक बैंक कर्मचारियों की मौत हो गई है, जबकि 15,000 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो गए है। बैंक कर्मचारियों को लोगों के साथ अधिक संपर्क में आना पड़ता है और उन्हें कोरोना संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है, फिर भी वे महामारी में अपना कर्तव्य निभा रहे हैं.
युनियन ने कहा था कि सभी बैंक केवल नकदी, जमा, निकासी, ट्रांसफर और क्लीयरिंग जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करें ताकि कम लोग शाखा में आएं. कैश जमा-निकासी का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक किया जाना चाहिए और केवल आवश्यक सेवा ही प्रदान की जानी चाहिए. कर्मचारियों को व्यावसायिक घंटों के बाद घर जाने की अनुमति होनी चाहिए. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी शाखाओं में सिक्युरिटी गार्ड की सुविधा होनी चाहिए, बैंक में एक समय में केवल 4 लोगों को आने कीअनुमति दी जानी चाहिए.