उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आज से 15 मई तक 10 बजे से 2 बजे तक बैंकिंग कामकाज होगा. चार बजे बैंक (Banks) शाखाएं बंद हो जाएंगी. 50 फीसदी स्टाफ के साथ बैंकों (Banks) में कामकाज होगा. बैंकों में ग्राहकों को केवल नकदी जमा, निकासी, चेक क्लीयरिंग और सरकारी लेनदेन जैसी न्यूनतम आवश्यक बैंकिंग सेवाएं ही प्रदान की जाएगी. बता दें कि पिछले साल लॉकडाउन के पहले फेज में एसबीआई ने खाता खोलने, नकद निकासी, पासबुक प्रिंटिंग और करेंसी एक्सचेंज जैसी सर्विसेज पर प्रतिबंध लगा दिया था.
कोविड जोन में बैंकों में होंगे सिर्फ इतने घंटे काम
भारतीय बैंक संघ (IBA) से स्थिति में सुधार आने तक बैंक (Banks) कर्मचारियों को संक्रमण से बचाने के लिए सेवाओं को सीमित करने और लोगों के शाखाओं में आकर लेन-देन के कार्यों को कम कर करीब तीन घंटे किये जाने का आग्रह किया है. देश में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों (COVID-19 Cases) के बीच बैंक यूनियनों ने भारतीय बैंक संघ (IBA) से स्थिति में सुधार आने तक बैंक (Banks) कर्मचारियों को संक्रमण से बचाने के लिए सेवाओं को सीमित करने और लोगों के शाखाओं में आकर लेन-देन के कार्यों को कम कर करीब तीन घंटे किये जाने का आग्रह किया है.
संक्रमण फैलने का खतरा
नौ श्रमिक संगठनों का शीर्ष मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने आईबीए के चेयरमैन राज किरण राय जी को भेजे पत्र में कहा है कि शाखाओं में ग्राहकों का आना लगातार जारी है. ग्राहक सभी प्रकार की सेवाओं के लिये आ रहे हैं. इससे संक्रमण फैलने का खतरा है.
बैंक कर्मचारियों पर हो रहा असर
यूएफबीयू ने कहा, हम बैंक कर्मचारियों के लगातार संक्रमित होने, अस्पतालों में उनके भर्ती होने और मृत्यु की सूचना से व्यथित हैं. यूनियन ने कहा इस विकट स्थिति को देखते हुए बैंक कर्मचारियों की तरफ से अपील है कि इस पर तुरंत गौर किया जाए और निर्णय किया जाए.
कम हो कामकाज के घंटे
बैंक यूनियनों ने स्थिति ठीक होने तक बैंक सेवाएं केवल जरूरी कार्यों तक सीमित करने और कामकाज के घंटे कम कर 3-4 घंटे किये जाने की मांग की है. यूएफबीयू ने संकुल बैंकिंग (क्लस्टर या हब) की व्यवस्था किये जाने की भी मांग की है. इसके तहत प्रत्येक इलाके में हर बैंक की कुछ शाखाओं को चिन्हित किया जाए ताकि बैंक कर्मचारी बारी-बारी से काम कर सके और संक्रमण से बच सके.
पिछले सप्ताह भी यूएफबीयू ने इसी प्रकार के अनुरोध को लेकर वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देबाशीष पांडा को पत्र लिखा था.