महामारी के दौर में बैंकों ने हासिल की 6.7% पर्सनल लोन ग्रोथ

तीसरी तिमाही से हाउसिंग लोन की ग्रोथ में तेजी आई है. कम ब्याज दरें और स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क घटने से इसमें तेजी आई है.

Muthoot fincorp NCD:

NCD एक डिबेंचर हैं, जिसके मैच्योरिटी के समय इक्विटी शेयरों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है. इन NCD डिबेंचर को सुरक्षित और असुरक्षित के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

NCD एक डिबेंचर हैं, जिसके मैच्योरिटी के समय इक्विटी शेयरों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है. इन NCD डिबेंचर को सुरक्षित और असुरक्षित के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

भारत में पर्सनल लोन्स 6.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहे हैं जो कि बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ से दोगुने से भी ज्यादा है. रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया आंकड़ों से पता चल रहा है कि 29 जनवरी 2021 तक बैंकों ने कुल 27,24,415 करोड़ रुपये के पर्सनल लोन आउटस्टैंडिंग की रिपोर्ट दी है. इसका आधे से ज्यादा हिस्सा हाउसिंग लोन के मद में गया है.
पहले दो क्वार्टर्स में हाउसिंग लोन की ग्रोथ खराब रही, लेकिन तीसरी तिमाही में इसमें तेजी आई है. ब्याज दरों में गिरावट और अलग-अलग राज्य सरकारों के स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क को कम करने के चलते इसमें तेजी आई है. 29 जनवरी 2021 तक हाउसिंग लोन आउटस्टैंडिंग 5.9 फीसदी बढ़कर 14.18 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं.
आर्थिक रिकवरी के साथ ही ऑटो लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन्स में भी ग्रोथ दिखाई दे रही है. व्हीकल लोन्स 6.9 फीसदी बढ़कर 2.38 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं. कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन जो कि अपेक्षाकृत एक छोटा सेगमेंट है, उसमें 20.4 फीसदी की ग्रोथ हुई है और यह 7,397 करोड़ रुपये हो गया है.
इसी तरह से क्रेडिट कार्ड आउटस्टैंडिंग 7.6 फीसदी ग्रोथ के साथ 1.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं. कुछ निजी बैंक और सरकारी बैंक आकर्षक ऑफर्स के साथ अपने क्रेडिट कार्ड बेस को बढ़ाने में लगे हुए हैं.
महामारी के दौरान गोल्ड ज्वैलरी पर लिए जाने वाले लोन में भारी इजाफा हुआ है. इनमें 64.7 फीसदी की ग्रोथ हुई है और ये 43,141 करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं. साल-दर-साल आधार पर देखें तो 29 जनवरी 2020 से 29 जनवरी 2021 के बीच इनमें 132 फीसदी की ग्रोथ हुई है.
चूंकि, 2020 में गोल्ड के दाम असाधारण ऊंचाई पर पहुंच गए थे और इनमें 28 फीसदी की तेजी आई थी, ऐसे में तमाम लोगों ने अपनी निजी घरेलू जरूरतों के लिए इस जरिए से पैसों का इंतजाम किया.
अन्य पर्सनल लोन्स 9.8 फीसदी बढ़कर 7.68 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए. कोविड-19 की वजह से कई छात्रों को विदेश में पढ़ाई की अपनी योजनाओं को टालना पड़ा है, ऐसे में एजूकेशन लोन पोर्टफोलियो पर चोट पड़ी है. एजूकेशन लोन आउटस्टैंडिंग 64,364 करोड़ रुपये पर आ गए हैं जो कि 2.1 फीसदी कम है.
फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर लिए जाने वाले कर्ज 15.5 फीसदी गिरकर 67,176 करोड़ रुपये रह गए हैं. शेयरों और बॉन्ड्स के बदले लिए जाने वाले कर्ज भी 22 फीसदी गिरकर 4,163 करोड़ रुपये पर आ गए हैं.
ब्याज दरें गिरने के साथ ही पर्सनल लोन भी काफी आकर्षक हो गए हैं. एनालिस्ट्स का मानना है कि आने वाले वक्त में भी पर्सनल लोन पोर्टफोलियो में इजाफा होगा.

Published - March 22, 2021, 06:59 IST