सरकार आईडीबीआई बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों के निजीकरण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ विचार-विमर्श शुरू करने वाली है. इसका मकसद संभावित खरीदारों की दावेदारी की जांच-पड़ताल के लिए नया सुरक्षा ढांचा तैयार करना है. सरकार आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने वाली है और इसके बाद दो अन्य सरकारी बैंकों के निजीकरण पर भी विचार चल रहा है. इस बारे में एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के लिए एक उपयुक्त ढांचा तैयार करना चाहता है. अधिकारी ने कहा कि संभावित खरीदारों को आरबीआई द्वारा तय शर्तें पूरी करनी होंगी.
अधिकारी ने कहा कि किसी सार्वजनिक उपक्रम की बिक्री की तुलना में बैंक निजीकरण की प्रक्रिया थोड़ी अलग होगी, इसलिए अतिरिक्त शर्तें एवं दिशानिर्देश तैयार करना आवश्यक है. अधिकारी ने कहा कि बैंक निजीकरण प्रक्रिया पूरी चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए दीपम संभावित खरीदारों के नाम तय करने के लिए आरबीआई के साथ भी चर्चा करेगा.
उन्होंने कहा, ‘एक ऐसा ढांचा तैयार करने पर विचार हो रहा है, जिसमें बोली लगाने में दिलचस्पी दिखाते ही आरबीआई ऐसे बोलीदाताओं की जांच-पड़ताल शुरू कर देगा. इससे इस पूरी प्रक्रिया में केवल योग्य खरीदारों को अगले चरण में प्रवेश करने की इजाजत मिल पाएगी.’ अधिकारी ने कहा कि सरकार अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है ताकि अंतिम चरण में किसी तरह की समस्या खड़ी न हो जाए.
कोई इकाई किसी बैंक में अंशधारक बनने योग्य है या नहीं, इसका निर्धारण करने के लिए केंद्रीय बैंक कई पहलुओं पर विचार करता है. इनमें आवेदक की छवि, वित्तीय मामलों में उसका प्रदर्शन और कर कानूनों के अनुपालन, वित्तीय दुव्र्यवहार सहित विभिन्न बातों पर विचार किया जाता है.
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और आइओबी का होगा निजीकरण
खबरें हैं कि सरकार आईडीबीआई बैंक के साथ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के निजीकरण पर भी विचार कर रही है.
अधिकारी ने कहा, ‘बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया में कई बदलाव लाने पर विचार चल रहा है. भारत सरकार नियंत्रित बैंकों का निजीकरण कर आर्थिक सुधार की दिशा में एक साहसिक कदम उठाएगा. चूंकि, बैंक निजीकरण पहले नहीं हुआ है, इसलिए हम सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करना चाहते हैं.’
सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी 45.48% हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है. भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) भी प्रबंधन नियंत्रण को नए खरीदार को हस्तांतरित करने के लिए अपनी 49.24% हिस्सेदारी बेचेगा. ट्रांजेक्शन सलाहकार और आरबीआई के परामर्श से, सरकार और एलआईसी मिलकर हिस्सेदारी कम करने की मात्रा का निर्धारण करेंगे. केपीएमजी इंडिया को सरकार ने आईडीबीआई बैंक की बिक्री के लिए ट्रांजेक्शन एडवाइजर के रूप में नियुक्त किया है.