बैंकों में जमा आपकी गाढ़ी कमाई का मूल्य हो रहा है कम, ये है असल कारण

Bank Deposit: RBI ने रेपो रेट 4 प्रतिशत तय की है, जबकि खुदरा मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत के आसपास है. अर्थव्यवस्था में रियल रेट माइनस 2 प्रतिशत है

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Bank Deposit: बैंक में लोग इसलिए पैसा रखने को प्राथमिकता देते हैं, जिससे उस पैसे पर ब्‍याज मिलती रही, लेकिन आपसे ये कहा जाए कि बैंक अकाउंट में रखी आपकी बचत (Bank Deposit) का मूल्य कम हो रहा है? आपका पैसा खत्म हो रहा है. तब क्‍या होगा.

जी हां ये सच बात है. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं.

ऐसे समझें

अगर आप मुद्रास्फीति की अवधारणा को समझते हैं, तो आपको इस बात से हैरानी नहीं हुई होगी.

अगर अर्थव्यवस्था में महंगाई सालाना 6 फीसदी है, तो इसका मतलब यह है कि आज आप जो वस्तु 100 रुपये में खरीद सकते हैं, उसकी कीमत अगले साल 106 रुपये हो जाएगी.

अगर आप अपने 100 रुपये पर रिटर्न चाहते हैं, तो ब्याज दर 6 फीसदी से ज्यादा होनी चाहिए. फिलहाल ब्याज दरें कई साल के निचले स्तर पर हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट 4 प्रतिशत तय की है, जबकि खुदरा मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत के आसपास है. इस तरह, अर्थव्यवस्था में रियल रेट माइनस 2 प्रतिशत है.

सीधे शब्दों में कहें, तो 4 फीसदी की कमाई करने वाला निवेश वास्तव में अपनी क्रय शक्ति को 2 फीसदी कम कर रहा है.

बैंक डिपॉजिट पर नेगेटिव रियल रेट मिल रहा है

कोविड-19 महामारी के बाद की दुनिया में बचतकर्ता सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. उन्हें उनके बैंक डिपॉजिट पर नेगेटिव रियल रेट मिल रहा है.

विदेशी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने एक रिपोर्ट में बताया कि मई 2021 में नए डिपॉजिटों पर औसत टाइम-डिपॉजिट रेट 4.38 फीसद थी. इसी महीने खुदरा मुद्रास्फीति 6.3 प्रतिशत रही, इस तरह 2 प्रतिशत की नेगेटिव रियल रेट थी.

Edelweiss Asset Management के प्रोडक्ट, मार्केटिंग और डिजिटल बिजनस के प्रमुख निरंजन अवस्थी कहते हैं, “यह संभावित रूप से इक्विटी या अन्य जोखिम वाली संपत्ति जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी में व्यस्तता को दिखाता है.

नेगेटिव रियल रेट्स निवेशकों के बीच जोखिम भरे व्यवहार को बढ़ावा देती हैं.

ये करना चाहिए

यदि आपके पास बैंकों में अच्छी रकम है या आप पर्याप्त एकमुश्त राशि कमाते हैं, तो उसे बैंक में रखने के बजाय आपको पहले अपना कर्ज चुकाने पर विचार करना चाहिए. इसके अलावा आप ज्यादा पैसों में कोई बड़ी खरीदारी भी कर सकते हैं.

अगर कर्ज चुकाना या बड़ी खरीदारी करना कोई विकल्प नहीं है, तो निवेश ही एकमात्र रास्ता है. लेकिन इसके लिए पहले आपको अपने रिस्क लेने की क्षमता को पहचानना होगा.

बैंक अकाउंट में पैसा रखना उचित नहीं

बैंक अकाउंट में अपनी रकम रखना उचित नहीं है. यदि आप एक कंजर्वेटिव इन्वेस्टर हैं तो तीन महीने से कम समय के लिए लिक्विड या मनी मार्केट फंड में निवेश कर सकते हैं.

इसके अलावा अल्ट्रा शॉर्ट, बैंकिंग और पीएसयू या कम अवधि के फंड में तीन महीने और एक साल के बीच की अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं.

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर पंकज मालदे कहते हैं कि तीन महीने से अधिक की अवधि के लिए आर्बिट्राज फंड में भी निवेश किया जा सकता है.

हाइब्रिड फंड बढ़िया विकल्प

यदि आपको कुछ इक्विटी एक्सपोजर से कोई समस्या नहीं है, तो हाइब्रिड फंड भी एक बढ़िया विकल्प हो सकता है. “पहली बार इक्विटी में निवेश करने वाले निवेशकों को हाइब्रिड फंड से शुरुआत करनी चाहिए.

उन्हें ज्यादा रिटर्न के बजाए पॉजिटिव रियल रिटर्न अर्जित करने के बारे में सोचना चाहिए. अवस्थी बताते हैं, “इक्विटी सेविंग्स फंड और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों के लिए अच्छे विकल्प हैं.

ये फंड पॉजिटिव रियल रिटर्न अर्जित कर सकते हैं और इक्विटी बाजार की अस्थिरता से भी बचा सकते हैं.”

Published - July 5, 2021, 07:38 IST