कुछ ही मिनट में साफ हो जाएगा बैंक अकाउंट, इस तरह के कॉल और ई-मेल से रहें सावधान

Bank Account: धोखेबाज उपहार या रोमांचक प्रस्तावों का लालच देकर ठग सकते हैं और पीड़ित की व्यक्तिगत, चिकित्सा संबंधित या वित्तीय जानकारी पूछ सकते हैं.

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) ने ग्राहकों नेटबैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का पासवर्ड स्ट्रॉन्ग रखने की सलाह दी है

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) ने ग्राहकों नेटबैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का पासवर्ड स्ट्रॉन्ग रखने की सलाह दी है

लोन और नौकरी दिलाने के नाम पर अगर आपके पास कॉल या ई-मेल आ रहे हैं तो सावधान हो जाएं. आपकी जरा सी लापरवाही से बैंक अकाउंट (Bank Account) खाली हो सकता है. इसे लेकर गृह मंत्रालय साइबर अपराध के खिलाफ लोगों को जागरूक करता है और इसके लिए एक टि्वटर हैंडल चलाया जाता है. इस हैंडल का नाम साइबर दोस्त है. साइबर दोस्त के माध्यम से गृह मंत्रालय हमेशा चेतावनी जारी करता है. गृह मंत्रालय ने ‘साइबर दोस्त’ के हवाले से बताया है कि इस महामारी के दौरान साइबर अपराधियों के झांसे में नहीं आना है और सावधान रहना है.

सर्वे के नाम पर धोखाधड़ी

साइबर अपराधियों के झांसे में आने से बचने के लिए साइबर दोस्त ने तीन तरीके बताए हैं. पहले तरीके में साफ मना किया गया है कि कॉल या ईमेल के झांसे में नहीं आना है और इससे दान देने से बचना है. दूसरा तरीके में सर्वेक्षण के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से बचने की सलाह दी गई है. साइबर दोस्त के हवाले से गृह मंत्रालय ने कहा है, ऐसे कोविज-19 सर्वेक्षण घोटालों से सतर्क रहें, जिसमें धोखेबाज उपहार या रोमांचक प्रस्तावों का लालच देकर लोगों को ठग सकते हैं और पीड़ित की व्यक्तिगत, चिकित्सा संबंधित या वित्तीय जानकारी पूछ सकते हैं.

लालच में न आएं

गृह मंत्रालय ने चेतावनी में लिखा है, धोखेबाज आपको विज्ञापन, ईमेल, फोन कॉल और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये लुभा सकते हैं या सरकारी प्राधिकरण का संदर्भ देते हुए मुफ्त लाभ की पेशकश कर सकते हैं. कोविड-19 टेस्ट या टीके के लिए संदेहास्पद संदेश या ईमेल के हाइपरलिंक पर क्लिक न करें. इससे बचें क्योंकि इससे खतरा हो सकता है. बैंक (Bank Account) से जुड़ी पर्सनल जानकारी चोरी हो सकती है.

दान मांगने वालों से सावधान

‘CyberDost’ ने एक ट्वीट में लिखा है, ऐसे फर्जी फंड जुटाने वाले फोन कॉल या ईमेल के झांसे में न आएं, जो कोविड-19 पीड़ितों या कोविड-19 से जुड़े रिसर्च के लिए दान मांगते हैं. दान मांगने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है. दान मांगने वाले अपराधी हो सकते हैं और आप जिस खाते से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करेंगे, उसमें सेंधमारी हो सकती है. दान देने से पहले उस एजेंसी के बारे में पूरी तरह से जानकारी जुटानी चाहिए.

क्यूआर कोड से साफ हो रहे खाते

इतना ही नहीं, क्यूआर कोड के जरिये भी धोखाधड़ी हो रही है. कोरोना के दौरान ऐसी घटनाओं में तेजी देखी जा रही है जिससे हमेशा सावधान रहने की अपील की जा रही है.

Published - May 24, 2021, 07:50 IST