ट्रांसपोर्टेशन में जिस तरह से सुरक्षा, आराम और सुविधा को प्राथमिकता दी जाती है. कोई भी उस विमान में सवार नहीं होगा यदि वह सुरक्षा पहलुओं से समझौता करता हो, चाहे वह कितना भी आरामदायक और तेज क्यों न हो. ठीक इसी तरह कोई भी लेन-देन नहीं करना चाहेगा यदि वह असुरक्षित है और धोखेबाजों द्वारा उस सिस्टम का फायदा उठाया जा सकता है. यही एक बड़ा कारण है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ऑटो-डेबिट पर प्रतिबंध लगाने के लिए इतना उत्सुक था. RBI को शिकायतें मिली थीं कि कुछ प्रमुख कंपनियों ने ग्राहकों को प्रदान नहीं की गई सेवाओं के लिए भी शुल्क लिया है और ग्राहकों को सूचित किए बिना राशि काट ली है.
सेंट्रल बैंक की गाइडलाइन जिसे लागू होने में सिर्फ 48 घंटे का समय बचा है उसके मुताबिक 1 अक्टूबर 2021 से अब किसी भी ग्राहक के डेबिट और क्रेडिट कार्ड खुद ब खुद पैसा नहीं कटेगा. सरल शब्दों में, इसका मतलब यह होगा कि ग्राहक की अनुमति के बिना कोई राशि नहीं काटी जाएगी. हालांकि यह किसी भी भुगतान से संबंधित हो सकता है जो इन कार्डों के जरिए नियमित रूप से किया जाता है.
आदेश के अनुसार, सभी पेमेंट एग्रीगेटर्स को ग्राहक को ड्यू डेट के कम से कम पांच दिन पहले एक SMS भेजना चाहिए. यदि ग्राहक अनुमति देता है तो भुगतान किया जाएगा, अन्यथा भुगतान नहीं होगा. इसके अलावा भुगतान 5,000 रुपये से ज्यादा है, तो ग्राहक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा जिसे प्रमाणित करने के बाद ही पेमेंट होगी.
निःसंदेह इस नए नियम के कारण उन ग्राहकों को असुविधा होगी, जिसे अब तक हर महीने नियमित बिलों का भुगतान करने के बारे में परेशान नहीं होना पड़ता था. RBI ने इस बात पर जोर दिया है कि ग्राहक बिलों के भुगतान में चूक न करें और सर्विस प्रोवाइडर से दंडात्मक कार्रवाई का सामना न करें, जैसे कि सेवा बंद करना आदि इसलिए हर ग्राहक को भुगतान करने के बारे में पहले ही याद दिलाया जाना चाहिए.
हालांकि, नया सिस्टम जटिलताएं पैदा कर सकता है. नई प्रणाली को कई परेशानियों जैसे धोखेबाजों और कुछ कंपनियों द्वारा ग्राहकों को सूचित किए बिना अतिरिक्त शुल्क लेने की घटनाओं को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. RBI को यह निगरानी करने की जरूरत है कि नई प्रणाली कैसे काम कर रही है और अगर बहुत से लोगों को महत्वपूर्ण भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है तो उसे इसमें बदलाव करना होगा.