अगर आपका किसी भी बैंक (Bank) में एक साल से ज्यादा पुराना अकाउंट है तो आपको कुछ काम करने जरूरी हैं. इसे लेकर बैंकों (Bank) की ओर से लगातार ग्राहकों को मैसेज भी भेजे जा रहे हैं. दरअसल बैंक ग्राहकों से कंप्लीट केवाईसी अपडेट करने के लिए कह रहे हैं. ऐसा नहीं करने पर आपका खाता बंद हो सकता है.
रिजर्व बैंक की तरफ से फुल केवाईसी के लिए स्पष्ट निर्देश है. अगर ग्राहक को खाता बंद होने या ब्लॉक होने से बचाना है तो ब्रांच में जाना पड़ेगा. यानी कि फुल केवाईसी के लिए ग्राहकों का बैंक में जाना जरूरी है. केनरा बैंक के मुताबिक जिस ग्राहक का खाता खुले 1 साल हो गया है और उन्होंने फुल केवाईसी नहीं कराया है, तो यह काम करा लेना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं होता है तो खाता बंद या ब्लॉक हो सकता है.
दरअसल, केवाईसी अलग-अलग होता है उसी के मुताबिक ग्राहकों को बैंक सुविधाएं देते हैं. केवाईसी का अपडेशन खाता के जोखिमों को देखते हुए किया जाता है. कुछ खाते 2 साल पर तो कुछ 8 साल पर अपडेट कराने होते हैं. केनरा बैंक ने 1 साल बाद खाते के लिए फुल केवाईसी कराने की बात कही है जो कि पूरी तरह से फिजिकल होता है और उसके लिए बैंक ब्रांच में ही जाना होता है.
फुल केवाईसी में एड्रेस प्रूफ और ग्राहक की पहचान के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन कराना होता है. इसका निर्देश रिजर्व बैंक की तरफ से दिया गया है. फुल केवाईसी ड्राइवर लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन कार्ड जैसे काम में कराए जाते हैं. फुल केवाईसी कराने के लिए आप आधार या बिना आधार के भी काम करा सकते हैं. अगर आधार से केवाईसी करा रहे हैं तो बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराना जरूरी होगा. अगर बिना आधार केवाईसी करा रहे हैं तो आपको बैंक की ब्रांच में हाथों हाथ सभी दस्तावेज जमा कराने होंगे. अगर कोई ग्राहक हाफ केवाईसी या लिमिटेज केवाईसी कराता है तो उसका खाता बंद होने की आशंका होती है.
हाफ केवाईसी को ई-केवाईसी भी कहते हैं. यह काम ऑनलाइन या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से होता है, इसलिए इसका नाम ई-केवाईसी रखा गया है. बैंक में यह खाता जल्द खुल जाता है. हालांकि इससे सीमित मात्रा में ही सुविधाएं ले सकते हैं. जिन लोगों को ऑनलाइन खरीदारी करनी होती है, वे इस केवाईसी से खाते का काम चला लेते हैं. इस लिमिटेड या हाफ केवाईसी के साथ कई खामियां हैं. जैसे बहुत बड़ी मात्रा में पैसों का ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते.
इस खाते में 1,00,000 रुपये से ज्यादा नहीं रख सकते और एक वित्तीय वर्ष में 2,00,000 रुपये से ज्यादा की राशि नहीं जोड़ सकते. अगर ग्राहक चाहता है कि उसे इन कमियों से न जूझना पड़े तो उसे अपने हाफ केवाईसी को फुल केवाईसी में तब्दील करा लेना चाहिए. इसके लिए बैंक की शाखा में फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी है.