पर्सनल लोन (personal loan) एक प्रकार का अनसिक्योर्ड लोन है जो आपकी फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है. कोई भी व्यक्ति अपने फाइनेंशियल बैकग्राउंड और क्रेडिट स्कोर के आधार पर 10,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का पर्सनल लोन ले सकता है. हालांकि, कम क्रेडिट स्कोर अक्सर कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन प्राप्त करने की संभावना को कम करता है.
आपको बता दें कि पर्सनल लोन को बहुत ही कम डॉक्यूमेंटेशन के साथ कुछ घंटों के अंदर प्रोसेस किया जा सकता है. अगर किसी को इमरजेंसी में पैसे की जरूरत है, तो वह व्यक्ति पर्सनल लोन के विकल्प को भी चुन सकता है, लेकिन कम क्रेडिट स्कोर और कुछ अन्य कारण पर्सनल लोन मिलने की संभावना को कम कर देते हैं.
आज हम आपसे इन्हीं 9 बातों पर चर्चा करने वाले हैं, जिनका ध्यान रखकर आप आसानी से कुछ ही घंटो में पर्सनल लोन प्राप्त कर सकते हैं.
पर्सनल लोन आसानी से प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अपने क्रेडिट स्कोर का ध्यान रखना चाहिए. एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको पर्सनल लोन दिलाने में हेल्प करता है. सिबिल द्वारा 700 और उससे अधिक का क्रेडिट स्कोर आपको एक रेस्पोंसिबल उधारकर्ता के रूप में पेश कर सकता है, जिससे कम इंटरेस्ट रेट पर पर्सनल लोन आसानी से मिल सकता है. पिछले 12 महीनों में होम लोन/पर्सनल लोन की रीपेमेंट हिस्ट्री बहुत महत्त्व रखती है. 700 से कम क्रेडिट स्कोर का मतलब है कि आपके पास अच्छा रीपेमेंट रिकॉर्ड नहीं है, जिससे पर्सनल लोन मिलना मुश्किल हो जाएगा.
क्रेडिट कार्ड से जुड़े बिलों का भुगतान भी आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है. अगर आप समय पर बिलों का भुगतान करते हैं, तो इसका पॉजिटिव इंपैक्ट पड़ेगा. आप की क्रेडिट रेटिंग अच्छी बनी रहेगी. लेकिन अगर आप समय से बिलों का पेमेंट नहीं करते हैं, तो इससे आपकी क्रेडिट रेटिंग खराब हो जाएगी.
वर्तमान में क्रेडिट स्कोर की गणना के लिए मोबाइल बिल, फोन बिल, स्कूल फीस आदि के पेमेंट रिकॉर्ड भी देखे जाते हैं. इसलिए आप लोन EMI, क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि के अलावा अपने सभी बकाया समय पर चुकाते रहें, जिससे आपकी क्रेडिट रेटिंग न खराब हो.
यदि आपके पति या पत्नी वर्किंग पर्सन हैं, तो पर्सनल लोन मिलने की संभावना को बढ़ाने के लिए आप लोग साथ में इस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. ऐसा करने से आपकी हाउसहोल्ड इनकम बढ़ेगी. जिससे आपको लोन मिलने की ज्यादा संभावना रहेगी. ज्वॉइंट लोन का आवेदन समय पर लोन चुकाने की संभावना को बढ़ाता है, जो मूल रूप से क्रेडिट स्कोर पर अच्छा प्रभाव डालता है.
पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते समय आप या तो शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म पर्सनल लोन चुन सकते हैं. शॉर्ट टर्म टेन्योर एक से तीन साल के बीच रहता है, जबकि लॉन्ग टर्म पर्सनल लोन का टेन्योर तीन से पांच साल के लिए हो सकता है. लंबी अवधि के टेन्योर का बड़ा फायदा यह मिलता है कि EMI राशि काफी कम हो जाती है और यह आपको लोन दिलवाने में सहायक हो सकती है. इससे लोन चुकाने में भी सहूलियत होगी.
जब आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं. तो लेंडर्स आपके डिफॉल्ट रिस्क का अनुमान लगाने के लिए क्रेडिट ब्यूरो से पूछताछ करते हैं. यदि आप एक साथ कई लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो सभी लेंडर्स आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर कई पूछताछ करेंगे. जिससे आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाएगा. इसलिए एक से अधिक लोन के लिए अप्लाई करने से आपको बचना चाहिए.
पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपने अपने डेब्ट-टू-इनकम रेशियो को कम करने के लिए मौजूदा लोन और क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान कर दिया है. आपके वर्तमान में लोन और क्रेडिट कार्ड पर बकाया पेमेंट राशि आपको संवेदनशील उधारकर्ता बनाती है.
वर्तमान में आप जितनी EMI का भुगतान कर रहे हैं, वह आपकी मासिक आय के 40% से अधिक नहीं होनी चाहिए. यदि यह इससे अधिक है, तो नए लोन के लिए अप्लाई करने से पहले इसका भुगतान करें.
आपकी रीपेमेंट क्षमता को मापने के लिए लेंडर्स आपकी मासिक आय को भी देखते हैं. इसलिए पर्सनल लोन के लिए एप्लीकेशन फॉर्म भरते समय आपको न केवल अपने नियमित वेतन, बल्कि अपने सभी अतिरिक्त आय स्रोतों का उल्लेख करना चाहिए.
नए पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते समय बैंक में सैलरी स्लिप, फॉर्म 16, पैन, आधार और अन्य जरूरी दस्तावेज जमा करें. लोन के लिए अप्लाई करते समय अगर आप सभी दस्तावेज नहीं जमा करेंगे, तो लोन रिजेक्ट होने की संभावना बढ़ जाएगी. इसीलिए सभी जरूरी दस्तावेजों को जरूर जमा करें.
अपने लेंडर्स को बुद्धिमानी से चुनें. सबसे पहले यह तय करें कि आपको कितने लोन की जरूरत है और फिर EMI अवधि का चयन करें. इससे आपको EMI का अंदाजा हो जाएगा. अब लेंडर्स के बीच तुलना करें और जो छोटी EMI प्रदान करता हो, उस लेंडर का चयन करे.