मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बैंकों को इस कदम के बारे में पहले ही बता दिया गया है
Jandhan: अप्रैल का महीना भले ही देश में कोविड से मची तबाही का गवाह रहा हो, लेकिन इस दौरान जनधन (Jandhan) लाभार्थियों की संख्या में इजाफा देखा गया है. हालांकि, इस दौरान इन खातों में कुल जमा में गिरावट आई है. सरकारी आंकड़ों से इस बात का पता चला है.
जनधन (Jandhan) खातों के लाभार्थियों की संख्या 2020-21 केअंत में 4,220 लाख थी जो कि अप्रैल के अंत में बढ़कर 4,231 लाख पर पहुंच गई. इस तरह से इसमें कुल 11 लाख लाभार्थियों का इजाफा हुआ है.
अप्रैल में इन खातों में औसत जमा में गिरावट आई है. साथ ही डेबिट कार्ड हासिल करने वाले लाभार्थियों की हिस्सेदारी भी कम हुई है.
6 लाख डेबिट कार्ड
अप्रैल में जनधन (Jandhan) लाभार्थियों को करीब 6 लाख डेबिट कार्ड जारी किए गए हैं.
हालांकि, इन खातों में जमा रकम 31 मार्च के 1,45,550 करोड़ रुपये से गिरकर अप्रैल के अंत में 1,43,297 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. इस तरह से इन खातों से अप्रैल में 2,253 करोड़ रुपये की नेट निकासी हुई है.
औसत जमा में लक्षद्वीप सबसे ऊपर
2020-21 में जनधन (Jandhan) खातों में 3,449 करोड़ रुपये औसत जमा थे, जो कि अप्रैल के अंत में घटकर 3,386.85 करोड़ रुपये रह गए.
31 मार्च 2021 तक के जनधन (Jandhan) खातों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि औसत जमा के मामले में लक्षद्वीप देश में सबसे ऊपर रहा है.
यहां पर प्रति लाभार्थी औसत जमा 18,684 रुपये है जो कि 3,449 रुपये के पूरे देश के औसत से 5 गुने से भी ज्यादा है.
सबसे नीचे है मणिपुर
मणिपुर इस लिस्ट में सबसे नीचे है. यहां 2020-21 के आखिर में प्रति लाभार्थी केवल 2,037 रुपये ही थे.
पिछले साल दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमशः लद्दाख और गोवा रहे हैं. लद्दाख में जनधन खातों में औसत जमा करीब 10,931 रुपये है, जबकि गोवा में ये आंकड़ा 6,899 रुपये का है.
डेबिट कार्ड में कमी
2020-21 के अंत तक 42.2 करोड़ जनधन (Jandhan) लाभार्थियों को कुल 30.9 करोड़ डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके थे. ऐसे में जनधन के कुल 73.22 फीसदी लाभार्थियों को डेबिट कार्ड मिल चुके हैं.
लेकिन, अप्रैल के आखिर में डेबिट कार्ड वाले जनधन (Jandhan) लाभार्थियों का फीसदी आंकड़ा घटकर 73.17 फीसदी पर आ गया है.