Vehicle Scrappage Policy: व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत गाड़ी स्क्रैप करने पर सरकार की रियायतें देगी. इसमें रोड टैक्स रिबेट से लेकर नई गाड़ी खरीदने पर फायदे शामिल हैं. जो गाड़ियां फिटनेस टेस्ट में फेल होंगी उन्हें स्क्रैप में देने पर कई तरह के फायदे मिलेंगे. गाड़ी को रजिस्टर्ड स्क्रैपेज सेंटर पर देने पर स्क्रैपेज सर्टिफिटेक (Scrappage Certificate) मिलेगा. इस सक्रैपेज सर्टिफिकेट को दिखाकर आप इन्सेंटिव्स का फायदा उठा सकेंगे. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने राज्यसभा में ये जानकारी दी है.
1. जानकारी के मुताबिक गाड़ी स्क्रैप करने पर उसके एक्स-शोरूम भाव का 4-5 फीसदी आपको बतौर स्क्रैप वैल्यू मिलेगा. ये रकम आपको स्क्रैपेज सेंटर ही देगा.
2. राज्य सरकारों को केंद्र सरकार स्क्रैपेज करने पर रोड टैक्स में रिबेट का सुझाव दे सकती है. जानकारी के मुताबिक रोड टैक्स में 25 फीसदी का रिबेट मिल सकता है वहीं कमर्शियल व्हीकल के लिए 15 फीसदी का रोड टैक्स रिबेट मिल सकता है.
3. पुरानी गाड़ी सक्रैप कर अगर नई गाड़ी खरीदेंगे तो इसपर आपको 5 फीसदी तक की छूट मिल सकती है. नितिन गड़करी ने जानकारी दी है कि स्क्रैपेज सेंटर से मिले स्क्रैपेज सर्टिफिकेट (Scrappage Centre) के आधार पर नई गाड़ी की खरीद पर 5 फीसदी का डिस्काउंट मिल सकता है. सरकार ने व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स को ये छूट देने की सलाह दी है.
4. इसके अलावा स्क्रैपेज सर्टिफिकेट होने पर नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन फीस पर भी छूट मिल सकेगी.
सरकार रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फेसिलिटी (Registered Vehicle Scrapping Facility) बनाने पर जोर देगी. फिटनेस टेस्ट और स्क्रैपिंग सेंटर को लेकर सरकार 1 अक्टूबर 2021 को नियम जारी करेगी. सरकारी गाड़ियों और सरकारी कंपनियों की 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों की स्क्रैपिंग 1 अप्रैल 2022 तक लागू हो सकती है. वहीं हेवी कमर्शियल गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट 1 अप्रैल 2023 से अनिवार्य किया जा सकता है. अन्य कैटेगरी की गाड़िों के लिए 1 अप्रैल 2024 से फिटनेस टेस्टिंग अनिवार्य की जा सकती है.
Vehicle Scrappage Policy: केंद्रीय मंत्री ने राज्य सभा में जानकारी देते हुए कहा कि भारत में 51 लाख ऐसी लाइट मोटर व्हीकल हैं जो 20 साल से ज्यादा पुरानी हैं. वहीं 34 लाख ऐसे लाइट मोटर व्हीकल हैं जो 15 साल से ज्यादा पुरानी हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी गाड़ियां आम गाड़ियों के मुकाबले 10 से 12 गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं.
सरकार ने 20 साल पुरानी प्राइवेट गाड़ियों के फिटनेस टेस्ट (Fitness Test) कराने का प्रस्ताव दिया है और कमर्शियल व्हीकल पर 15 साल में फिटनेस टेस्ट कराना होगा.