सेकेंड हैंड कार खरीदने जा रहे हैं तो इन 5 बातों का जरूर रखें ध्‍यान, नहीं तो हो सकता है नुकसान

Used Car Tips: कोरोना काल में ज्‍यादातर लोग अब कार लेना ही पसंद कर रहे हैं. वहीं सेकेंड हैंड कार का बाजार भी लगातार बढ़ रहा है.

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आपको नो-क्लेम बोनस का फायदा लेकर कार इंश्योरेंस का प्रीमियम कोस्ट कम करना चाहिए.

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Used Car Tips: अगर आप सेकेंड हैंड कार (Second Hand Car) खरीदने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है. कई बार लोग सेकेंड हैंड कार (Second Hand Car) खरीदते समय इन बातों पर ध्‍यान नहीं रखते हैं. इसके चलते बाद में परेशानी होती है. कोरोना काल में ज्‍यादातर लोग अब कार लेना ही पसंद कर रहे हैं. वहीं सेकेंड हैंड कार का बाजार भी लगातार बढ़ रहा है.

बजट का रखें ख्‍याल

अगर आप सेकेंड हैंड कार (Second Hand Car) खरीद रहे हैं तो अपने बजट का ध्‍यान रखें. पहले अपना बजट डिसाइड कर लें उसके बाद ही कार की तलाश शुरू करें. इसके बिना यूज्ड कार की तलाश भी एक बड़ी मुसीबत है. ऐसे में आपसे गलती हो सकती है आप या तो अपनी पसंद के बारे में उलझन में पड़ जाएंगे या गलत कार खरीद बैठेंगे. आप अपने निर्धारित बजट के भीतर सबसे अच्छा ऑप्शन खोजने की कोशिश करें.

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अपनी जरूरत के हिसाब से चुनें कार

कार खरीदने से पहले आप अपनी जरूरत को देख लें. इसके बाद अपनी जरूरत के हिसाब से कर की तलाश शुरू करें. ऐसा नहीं करने पर आप एक ऐसी कार के साथ फंस सकते हैं जो आपकी जरूरतों से मेल नहीं खाती है. सबसे पहले और सबसे जरूरी है कि यह तय करें कि आप कार क्यों खरीद रहे हैं और इसके साथ आपको क्या चाहिए.

कार का रिकॉर्ड जरूर चेक करें

कार के रिकॉर्ड या हिस्ट्री की जांच नहीं करना भी एक गलती है जिसे आपको करने से बचना चाहिए. अगर आप कार को एक ऑर्गनाइज्ड सेलर से खरीद रहे हैं, जैसे कि मारुति सुजुकी ट्रू वैल्यू या महिंद्रा फर्स्ट चॉइस, तो उनके पास आपके वेरीफिकेशन के लिए आमतौर पर रिकॉर्ड होंगे. अगर आप एक पर्सनल सेलर / मालिक से वाहन खरीद रहे हैं, तो कार की हिस्ट्री के बारे में पूछें और सभी डाक्यूमेंट्स की जांच करें. आप बीमा नंबर का उपयोग करके भी पिछली दुर्घटना के दावों और रिकॉर्ड्स की जांच कर सकते हैं क्योंकि ये सार्वजनिक डोमेन पर मौजूद हैं.

ठीक से करें कार की जांच

खरीदने से पहले कार का ठीक से निगरानी न करना भी एक ऐसी चीज है जिससे आपको हर कीमत पर बचना चाहिए. बाहर से, कार चकाचक हालत में दिख सकती है लेकिन इसकी संभावना अधिक होती है कि कार की मशीनी स्थिति अच्छी नहीं हैं. कम से कम 10 किमी की टेस्ट ड्राइव के बाद ही कार को फाइनल करें. अगर आप किसी भरोसेमंद मैकेनिक को जानते हैं कि एक बार उसे भी कार दिखा लें.

पार्ट को करें चेक

आपको कार के ओडोमीटर और दूसरे गेज की जांच किए बिना यूज्ड कार खरीदने से बचना चाहिए. जांचें कि ओडोमीटर में और उसके आसपास खरोंच, दरारें जैसा कोई निशान है या नहीं. अगर आप गेज, या कारों की स्थिति से छेड़छाड़ के संकेत देखते हैं और ओडोमीटर रीडिंग मेल नहीं खाती है, तो इस डील को कैंसल करना बेहतर होगा.

Published - May 11, 2021, 01:50 IST