अक्सर जब ट्रैफिक पुलिस वाले किसी गाड़ी को रोकते हैं तो लोग कई तरह के बहाने बनाते हैं. इनमें से आम हैं- ‘हमें इस नियम का पता नहीं था.’, ‘इस बार छोड़ दीजिए अगली बार नहीं होगा’, ‘बस यहीं तक जा रहा था.’ सड़क किनारे ट्रैफिक पुलिस और गाड़ी वालों के बीच होती बहस के नजारे आम बात हैं.
ट्रैफिक पुलिस वाले भी इन बहानों को सुनते-सुनते इनके आदी हो जाते हैं और जाहिर है कई दफा लोगों को चालान से रियायत नहीं मिलती है.
ऐसे में बेहतर है कि आप ट्रैफिक से जुड़े नियमों को अच्छी तरह से जानें और इनका पालन करें. हालांकि, कई नियम ऐसे हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता. ऐसे में जब ट्रैफिक पुलिसवाले लोगों को रोकते हैं तो उन्हें अचरज होता है.
यहां हम टू-व्हीलर से जुड़े एक ऐसे ही नियम के बारे में बता रहे हैं जिसके बारे में आपको शायद ही पता हो.
ये नियम है कि आप चप्पल पहनकर दुपहिया गाड़ी नहीं चला सकते हैं.
1,000 रुपये का देना होगा जुर्माना
चप्पल, स्लिपर्स, सैंडल या फ्लोटर पहनकर अगर आप दुपहिया गाड़ी चलाते पकड़े जाते हैं तो आपको 1,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है.
इस नियम के पीछे तर्क ये है कि चप्पल पहनकर गाड़ी चलाने पर आपके पैर स्लिप हो सकते हैं और इसके चलते आपका एक्सीडेंट हो सकता है.
ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप अगली दफा जब भी बाइक या स्कूटर चलाएं तो जूते पहनना न भूलें.
सितंबर 2019 से बढ़ गया है जुर्माना
1 सितंबर 2019 से देश में लागू हुए मोटर व्हीकल अमेंडमेंट एक्ट के तहत चप्पल, सैंडल पहनकर बाइक या स्कूटर चलाने पर जुर्माने को बढ़ा दिया गया है.
गाड़ी चलाने वालों के लिए भी ये सतर्कता बरतना जरूरी है. खासतौर पर बारिश या सर्दियों के मौसम के दौरान सड़कें गीली होती हैं और ऐसे में ब्रेक से पैर स्लिप हो सकता है.
साथ ही गीली सड़क पर चप्पलें वैसी ग्रिप नहीं देती हैं जैसी कि जूतों से मिलती है.
ऐसे में जूते ड्राइविंग के दौरान आपको काफी हद तक सुरक्षित रखते हैं. यहां तक कि कार ड्राइविंग के दौरान भी आपको जूते ही पहनने चाहिए.