पहले पार्किंग, फिर कार: कुछ ऐसी है गुजरात सरकार की तैयारी

New Parking Policy: AMC नई पार्किंग नीति लेकर आई है. इस नीति के तहत लोगों को कार खरीदने से पहले पार्किंग की जगह होने का प्रमाण देना पड़ेगा

car parking policy, ahmedabad, parking, amc

pixabay

pixabay

कार खरीदते वक्त हम देखते हैं अपने बटुए का बजट और उस बजट में कौन सी कार फिट हो रही है, लेकिन अब ये सब तय करने से पहले आपको यह भी बताना होगा कि कार खड़ी करने के लिए आपके पास पार्किंग की जगह है या नहीं.

अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) नई पार्किंग नीति (New Parking Policy) लाने की तैयारी में है. (AMC) की पॉलिसी (New Parking Policy) के तहत रोड और ट्रांसपोर्ट बिल 2017 में भी ऐसा नियम देश भर में लागू करने का प्रस्ताव दिया गया था. दिल्ली सरकार भी इस तरह के नियम लाने की तैयारी कर चुकी हैं.

कार खरीदने से पहले पार्किंग का प्रमाण

अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) नई पार्किंग नीति (New Parking Policy) लेकर आई है. इस नीति के तहत लोगों को कार खरीदने से पहले पार्किंग की जगह होने का प्रमाण देना पड़ेगा. इतना ही नहीं दूसरी या तीसरी कार खरीदने वालों को ज्यादा टेक्स वसूला जाएगा.

इस पॉलिसी का मकसद लोगों को एक से ज्यादा कार खरीदने के लिए निरुत्साहित करने का है. क्योंकि शहर में कारों की संख्या में वार्षिक 9% की दर से वृद्धि हो रही है. लाखों वाहन रोड पर देखे जा सकते हैं.

नगर निगम अप्रैल के अंत में ये पॉलिसी लेकर आई थी. अब कमिश्नर ने उस पर लोगों के सुझाव मांगे हैं.

2017 में नए नियम लागू करने की घोषणा की थी

इस नीति के तहत कॉमन पार्किंग प्लॉट में मंथली या वार्षिक आधार पर पार्किंग की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा सोसाइटी के नजदीक पार्किंग की छूट देने का प्रस्ताव है. इसके अलावा पब्लिक प्लेसेज पर ज्यादा समय के लिए पार्किंग बंद करने का निर्णय भी विचाराधीन है.

नई पार्किंग पॉलिसी स्‍टैंडिंग कमेटी, म्युनिसिपल बोर्ड की अनुमति के बाद अमल में लाई जाएगी. गौरतलब है कि 2017 में केंद्र और राज्य सरकार ने नए नियम लागू करने की घोषणा की थी. जिसके तहत नई कार खरीदने वालों को पार्किंग स्पेस के बारे में बताना अनिवार्य है. अब निगम उसे अमलीजामा पहनाने पर विचार कर रहा है.

पॉलिसी के मुख्य बिंदु

निजी बड़ी इमारतें अपनी पार्किंग शेयर कर सकती हैं. अपनी जगह को दूसरे वाहनों के लिए उधार दे सकेंगी. रोड के साइड में रात को वाहन पार्क करने पर चार्ज लगेगा. रेसिडेंशियल एरिया में पार्किंग जोन बनेंगे. कॉमर्शियल जगह पर पार्किंग 40 फीसदी कर्मचारियों और 60 फीसदी सामान्य लोगों के लिए उपलब्ध रहेगा.

कमर्शियल संस्थाएं निगम के पार्किंग स्लॉट खरीद सकेंगी. टैक्सी या ऑटो चालकों को निर्धारित एरिया में ही पार्किंग की छूट मिलेगी. रोड पर पार्किंग की अनुमति नहीं मिलेगी.

अहमदाबाद में पार्किंग की बड़ी समस्या

गौरतलब है कि अहमदाबाद में पार्किंग की एक बड़ी समस्या है. शहर के सीजी रोड, आश्रम रोड, पालडी, ओल्ड सिटी और मणिनगर सहित पूर्व के भी कई इलाकों में ऑफिस आवर्स के समय पार्किंग की मारामारी रहती है. शहर में वर्ष 2001 में कुल 1.2 लाख कारें थी.

2011 में कार की संख्या बढकर 2.6 लाख हो गई और 2018 में ये संख्या करीब 6.4 लाख थी. कार के साथ साथ टू व्हीलर की संख्या 2018 में 17.2 लाख जबकि थ्री-व्हीलर की संख्या 1.6 लाख थी.

अभी शहर में कुल 74 पार्किंग साइट उपलब्ध हैं. जिसमें 40 जगह पर ऑफ स्ट्रीट पार्किंग, 4 जगह पर मल्टीलेवल पार्किंग, 9 जगह पर ऑन स्ट्रीट पार्किंग जबकि 21 जगह पर फ्लाईओवर के नीचे पार्किंग उपलब्ध है.

लोग हैं खफा

अहमदाबाद में मारुति कटारिया, मकरबा के मैनेजर कल्पेश रामी नगर निगम की इस पॉलिसी से काफी खफा हैं. वो कहते हैं कि इस पॉलिसी का व्यावहारिक अमल मुश्किल लग रहा है, लेकिन अगर इसको अमल में लाया जाता है, तो कार डीलर्स के लिए काफी मुश्किल होगी. अभी कुल कार खरीद में करीब 25 फीसदी लोग एडिशनल कार के ग्राहक है. निगम की इस पॉलिसी से कारों की बिक्री में गिरावट आ सकती है.

Published - May 15, 2021, 06:06 IST