जब से किआ मोटर्स और ह्यूंदै ने अपनी मॉडल्स किआ सेल्टोस, किआ सोनेट, ह्यूंदै वेन्यू और ह्यूंदै i20 में इटेंलिजेंट मैनुअल ट्रांसमिशन (iMT) का फीचर लॉन्च किया है, तब से उनकी बिक्री बढ़ गई है.
वे बाकी ऑटो कंपनियों से भी आगे निकल गई हैं. इसी को ध्यान में रखकर देश की नंबर वन कार कंपनी मारुति सुजुकी अपनी वैगन आर, स्विफ्ट, बलेनो, विटारा ब्रेजा और सियाज में iMT का फीचर दे सकती है.
हालांकि मारुति की तरफ से इस टेक्नोलॉजी को लेकर आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन ट्रेडमार्क फाइल करने की रणनीति इसी कोशिश का नतीजा मानी जा रही है.
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि iMT आखिर है क्या? इसे मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के बीच की तकनीक कहा जा सकता है.
आईएमटी से लेस कार में क्लच पैडल नहीं होता है. ड्राइवर के फुटवेल एरिया में सिर्फ दो ही पैडल लगे होते हैं. एक्सीलेटर और ब्रेक. इसमें सेंट्रल में गियरबॉक्स दिया होता है.
आईएमटी टेक्नोलॉजी से लेस कार में ड्राइवर को हाथ से गियर को बदलना होता है, लेकिन इसमें गियर बदलते समय क्लच दबाने की जरूरत नहीं पड़ती.
इसके लिए क्लच-बाय-वायर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. आईएमटी गियरबॉक्स में इंटेंशन सेंसर का इस्तेमाल होता है. इसमें जब ड्राइवर गियर बदलने वाला होता है, तो सेंसर इसका सिग्नल ट्रांसमिशन कंट्रोल यूनिट यानी टीसीयू को देता है.
इसके बाद टीसीयू क्लच प्लेट एंगेज और डिसएंगेज करने के लिए हाईड्रॉलिक एक्चुएटर को सिग्नल देता है और ड्राइवर गियर बदलता है.
मारुति फिलहाल अपनी कारों में एएमटी (ऑटोमैटेड मैनुअल ट्रांसमिशन) या एजीएस (ऑटो गियर शिफ्ट) गियरबॉक्स दे रही है.
मारुति की पारंपरिक एएमटी टेक्नोलॉजी ग्राहकों को रास नहीं आ रही है, क्योंकि सीवीटी और डुअल क्लच ट्रांसमिशन जैसी टेक्नोलॉजी के सामने एएमटी-एजीएस कहीं नहीं ठहरती है.
आजकल के ट्रैफिक जाम वाली स्थिति में लोग भी ऑटोमैटिक कारों को तरजीह दे रहे हैं. क्योंकि ट्रैफिक में बार-बार क्लच दबाना काफी थकावट वाला होता है.
हालांकि ये कारें मैनुअल से महंगी लेकिन सीवीटी या दूसरी ऑटोमैटिक गियर टेक्नोलॉजी से सस्ती होती हैं.
ह्यूंदै ने अपनी पॉपुलर वेन्यू का IMT गियरबॉक्स वर्जन पिछले साल लॉन्च किया था. ह्यूंदै वेन्यू के दो वेरिएंट SX और SX(O) में क्लचलेस ड्राइविंग एक्सपीरियंस मिलता है.
ह्यूंदै की नई क्लच पैडल फ्री iMT टेक्नोलॉजी के साथ Kappa 1.0 लीटर T-GDi पेट्रोल BS6 इंजन से लैस है. iMT टेक्नोलॉजी में गाड़ी का मैकेनिज्म मैनुअल ट्रांसमिशन जैसा ही है.
टू पैडल सिस्टम के साथ ड्राइवर को गियर बदलने के लिए क्लच दबाने की जरूरत नहीं है. ह्यूंदै की iMT टेक्नोलॉजी में इंटेंशन सेंसर, हाइड्रॉलिक एक्चुएटर और ट्रांसमिशन कंट्रोल यूनिट के साथ ट्रांसमिशन गियर शिफ्ट लीवर का इस्तेमाल हुआ है.