व्हीकल ओनरशिप नियमों में सरकार ने किया बड़ा बदलाव, जानिए गाड़ी मालिकों पर क्या होगा इसका असर

रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवेज मिनिस्ट्री ने गाड़ी मालिकों को एक बड़ी राहत दी है. अब गाड़ी रजिस्टर कराते वक्त ही ओनर्स नॉमिनी का नाम दे सकेंगे.

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नितिन गडकरी की अगुवाई में रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय गाड़ी रखने वालों के लिए एक बड़ी सहूलियत देने जा रहा है. दरअसल, सड़क परिवहन और हाइवे मंत्रालय ने सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स, 1989 में कुछ बदलाव किए हैं.

रजिस्ट्रेशन के वक्त जोड़ सकेंगे नॉमिनी

इस बदलाव के तहत गाड़ी का मालिक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में किसी शख्स को नॉमिनी बना सकता है. इससे गाड़ी मालिकों को ये बड़ा फायदा होगा कि उनकी मृत्यु होने पर गाड़ी आसानी से नॉमिनी के नाम पर ट्रांसफर हो सकेगी.

अब गाड़ी मालिक व्हीकल के रजिस्ट्रेशन के वक्त अपने नॉमिनी का नाम बता सकते हैं. यहां तक कि बाद में भी गाड़ी मालिक एक ऑनलाइन एप्लिकेशन के जरिए अपने नॉमिनी का नाम दे सकते हैं.

मौजूदा वक्त में ये प्रक्रिया काफी जटिल है और पूरे देश में एक जैसी नहीं है. सरकार के नोटिफाई किए गए नियमों के मुताबिक, गाड़ी के मालिक को नॉमिनी का पहचान प्रमाण दाखिल करना होगा.

30 दिन के भीतर अथॉरिटी को देनी होगी सूचना

नोटिफिकेशन में कहा गया है, “ऐसी दशा में जबकि वाहन स्वामी की मृत्यु हो जाती है तो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में व्हीकल ओनर का नामांकित किया गया शख्स या गाड़ी पर हक हासिल करने वाला शख्स ओनर की मृत्यु के तीन महीने तक गाड़ी का इस्तेमाल कर सकता है, हालांकि, ओनर की मृत्यु के 30 दिन के भीतर ऐसे शख्स को रजिस्टरिंग अथॉरिटी को ओनर की मौत और वाहन के इस्तेमाल के बारे में बताना होगा.”

इसमें आगे कहा गया है कि नॉमिनी या व्हीकल का हक हासिल करने वाले शख्स को गाड़ी के ओनर की मौत के 3 महीने के भीतर फॉर्म 31 के जरिए आवेदन करना होगा. नॉमिनी या गाड़ी पर हक हासिल करने वाले शख्स को गाड़ी को उसके नाम करने के लिए रजिस्टरिंग अथॉरिटी के यहां ट्रांसफर के लिए आवेदन करना होगा.

आपात स्थिति में बदल सकते हैं नॉमिनी

तलाक या प्रॉपर्टी के बंटवारे जैसी आकस्मिक परिस्थितियों में भी नॉमिनी को बदला जा सकता है. ऐसे में ओनर एक SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के जरिए इसमें बदलाव करा सकता है.

मौजूदा वक्त में गाड़ी के रजिस्टर्ड ओनर की मौत के मामले में गाड़ी को नॉमिनी को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया काफी जटिल है और इस सिलसिले में कई दफा दफ्तर के चक्कर लगवाने पड़ते हैं.

Published - May 2, 2021, 02:05 IST