गाड़ी की सर्विस कराने पर बचाना है पैसा तो इन बातों का रखें ख्याल

Car Servicing: आम तौर पर कम खर्च की वजह से लोग गाड़ी में नकली पार्ट्स लगवा लेते हैं, लेकिन ये पार्ट्स आपकी गाड़ी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

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Car Servicing: कार खरीदने के बाद ज्यादातर लोग कार की सर्विस को लेकर चिंता में पड़ जाते हैं. गाड़ी को सुरक्षित तरीके से चलाने और उसकी लंबी उम्र के लिए समय पर सर्विस कराना बेहद जरूरी होता है. फ्री सर्विस खत्म होने के बाद कुछ लोग लोकल मैकेनिक के पास पहुंच जाते हैं तो कुछ सर्विस सेंटर को ही प्राथमिकता देते हैं. आज हम आपको कार की सर्विसिंग से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं, ताकि रिपेयर करते समय आपका किसी भी तरह का नुकसान ना हो

ऑयल चेंज

आमतौर पर यह कहकर ऑयल चेंज करवा लिया जाता है कि ऑयल काला हो गया है लेकिन यह बिल्कुल गलत है. आपको सर्विस रिकॉर्ड के हिसाब से ऑयल चेंज करवाना चाहिए. एक साल कम्पलीट होने पर या 10 हजार किलोमीटर या उससे ज्यादा चला लेने पर ऑयल चेंज करवा सकते हैं. दूसरी बात ये कि लोकल मैकेनिक हो या ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर, ऑयल सामने चेंज करवाएं तो बेहतर होगा.

ऑथराइज्ड या लोकल सर्विस सेंटर

ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर में सर्विस कराने के फायदे और नुकसान दोनों हैं. ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर में मकैनिक्स को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की अच्छी समझ होती है, यहां टूल्स और पार्ट्स की कमी नहीं होती. दूसरी तरफ ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर्स ज्यादातर अपने ग्राहकों के बिल को जानबूझकर बढ़ाने की कोशिश करते हैं. इसके लिए कई तरीके आजमाएं जाते हैं.

जरूरी हो तो ही पार्ट्स बदलवाएं

सर्विसिंग में कई बार जरूरी कहकर कई ऐसी चीजें शामिल कर दी जाती हैं, जिनकी जरूरत नहीं होती. कई बार तो ऐसी चीजों की मरम्मत करने और पार्ट्स बदलने के नाम पर पैसे लिए जाते हैं, जो ना तो बिगड़े होते हैं, ना ही उनकी मरम्मत की जरूरत.

नकली पार्ट्स को लगवाने से बचें

आम तौर पर कम खर्च की वजह से लोग गाड़ी में नकली पार्ट्स लगवा लेते हैं, लेकिन ये पार्ट्स आपकी गाड़ी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. बार-बार के खर्च से बचने के लिए असली पार्ट्स ही लगवाएं.

पिक-अप, ड्रॉप सुविधा

कई बार लोगों के पास समय ना होने पर सर्विस सेंटर खुद ही आपकी गाड़ी अपने सेंटर पर ले जाने का इंतजाम कर देता है और फिर सर्विसिंग के बाद आपके घर पर गाड़ी पहुंचा दी जाती है. इसे पिक-अप-ड्रॉप सुविधा कहते हैं. लेकिन अगर हो सके तो सर्विस कराते वक्त हमेशा सर्विस सेंटर में मौजूद रहें और बदले जा रहे पार्ट्स को एक बार खुद देखें.

बैटरी, एसी, व्हील बैलेंसिंग

आपको पता होना चाहिए कि कार की बैटरी किस हालत में है, एयर कंडीशनर की वर्किंग कैसी है, किन चीजों में गड़बड़ी है और किन्हें मरम्मत की या बदलने की जरूरत है. बिल बढ़ाने के लिए आपसे फिजूल में एसी फिल्टर चेंज करवाने, व्हील बैलेंसिंग और अलाइनमेंट कराने के लिए कहा जा सकता है.

Published - June 12, 2021, 01:31 IST