दुनियाभर में गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक देश रूस की गेहूं के ग्लोबल बाजार पर पकड़ और भी मजबूत होती जा रही है. गेहूं के ग्लोबल एक्सपोर्ट में रूस की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है जबकि अन्य सभी प्रमुख निर्यातकों की हिस्सेदारी में गिरावट देखी जा रही है. दुनियाभर में जितना गेहूं एक्सपोर्ट होता है, उसमें इस साल रूस की हिस्सेदारी 25 फीसद के करीब पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
अमेरिकी कृषि विभाग के आंकड़े देखें तो इस साल रूस से दूनियाभर में 4.9 करोड़ टन गेहूं का एक्सपोर्ट होने का अनुमान है जो पिछले साल से करीब 30 लाख टन अधिक होगा. दुनियाभर में गेहूं के दूसरे बड़े निर्यातक यूरोपियन यूनियन से इस साल 3.75 करोड़ टन गेहूं एक्सपोर्ट का अनुमान लगाया गया है, पहले 3.8 करोड़ टन का अनुमान था.
इस साल कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन से भी गेहूं का एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले कम होने का अनुमान है. कनाडा से इस साल 2.3 करोड़ टन एक्सपोर्ट अनुमानित है जबकि पिछले साल 2.54 करोड़ टन का एक्सपोर्ट हुआ था, ऑस्ट्रेलिया से इस साल 2.25 करोड़ टन गेहूं एक्सपोर्ट का अनुमान है जबकि पिछले साल 3.23 करोड़ टन का एक्सपोर्ट हुआ था और यूक्रेन से इस साल 1.1 करोड़ टन एक्सपोर्ट का अनुमान है जबकि पिछले साल 1.71 करोड़ टन का एक्सपोर्ट हुआ था.
सिर्फ रूस ही ऐसा प्रमुख गेहूं निर्यातक देश है जिसका एक्सपोर्ट बढ़ने का अनुमान है बाकी सभी बड़े निर्यातकों के एक्सपोर्ट पर मार पड़ सकती है और इसका फायदा रूस को ही मिल रहा है. दुनियाभर में सबसे सस्ता गेहूं रूस और यूरोपियन यूनियन का ही होता है और रूस की तरफ से ग्लोबल मार्केट में सस्ते गेहूं की सप्लाई बढ़ने की वजह से अधिकतर देशों के गेहूं का एक्सपोर्ट भाव पिछले साल से कम है. रूस और यूरोपियन यूनियन के गेहूं का भाव 250 डॉलर के करीब है जबकि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा और अर्जेनटीना के गेहूं का भाव 300 डॉलर प्रति टन के ऊपर है.