गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर लगा प्रतिबंध जल्द ही हट सकता है. देश के प्रमुख चावल एक्सपोर्टर्स का कहना है कि खेतों में मौजूद धान की फसल को लेकर चिंताएं फिलहाल कम हो गई हैं, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध लंबे समय तक नहीं रह पाएगा. बता दें कि बीते चार महीने में घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में करीब 15 फीसद की बढ़ोतरी हो चुकी है.
नई फसल की कटाई के बाद कीमतों में नरमी संभव
फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक राइस एक्सपोर्टर केआरबीएल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार मित्तल का कहना है कि मानसून की बरसात अभी तक पर्याप्त रही है और खरीफ धान की बुआई भी पिछले साल से ज्यादा हुई है. ऐसे में सरकार निर्यात पर लगे बैन को सरकार जल्द हटा सकती है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और खाद्य एवं कृषि संगठन जैसी वैश्विक एजेंसियों ने भी भारत से सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया है क्योंकि इससे वैश्विक बाजार में चावल की कीमतों में तेजी से इजाफा हो सकता है. मित्तल कहते हैं कि सितंबर और अक्टूबर में धान की कटाई शुरू होने के बाद चावल की कीमतों में नरमी की उम्मीद है.
वियतनाम, थाईलैंड ने बढ़ाए दाम
राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वी कृष्ण राव ने कहा है कि धान की खरीद शुरू होने के बाद सरकार दिसंबर तक सप्लाई की स्थिति का आकलन करेगी और उसके बाद सफेद चावल के शिपमेंट पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर सकती है. उनका कहना है कि चावल निर्यात पर प्रतिबंध की वजह से वियतनाम और थाईलैंड ने चावल की कीमतों में इजाफा कर दिया है.
धान की बुआई बढ़ी
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 4 अगस्त तक देशभर में 28.3 मिलियन हेक्टेयर में धान की बुआई हुई है, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3.4 फीसद ज्यादा है. वहीं 1 अगस्त तक FCI के गोदामों में 37.64 मिलियन टन चावल का स्टॉक है जिसमें मिलर्स से मिलने वाला 13.01 मिलियन टन चावल भी शामिल है. केंद्रीय पूल में जमा चावल का स्टॉक 1 अक्टूबर के लिए चावल के बफर स्टॉक 10.25 मिलियन टन से काफी ज्यादा है. बता दें कि 2012 के बाद से भारत चावल का सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्टर रहा है. भारत ने कीमतों पर लगाम लगाने के मकसद से 20 जुलाई को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर से चावल की महंगाई दर दहाई अंक में बनी हुई है.
खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2023-24 में अप्रैल से जून के दौरान देश से करीब 30 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 1.5 मिलियन टन सफेद चावल का निर्यात किया गया था. अक्टूबर 2022 में चावल की खुदरा महंगाई दर 10.21 फीसद दर्ज की गई थी, जो कि जून 2023 में बढ़कर 11.78 फीसद हो गई थी. फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड चावल उत्पादन 135.5 मिलियन टन के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. बता दें कि पिछले साल सितंबर में भारत ने घरेलू बाजार में सप्लाई को बढ़ाने के लिए ब्रोकेन राइस के निर्यात पर रोक लगा दिया था और गैर बासमती और सामान्य चावल के निर्यात पर 20 फीसद की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी. हालांकि वित्त वर्ष 2023 में भारत 140 से अधिक देशों को रिकॉर्ड 22.34 मिलियन टन चावल का एक्सपोर्ट किया था.