बैंकों ने रिजर्व बैंक से उस फैसले पर सफाई मांगी है जिसमें RBI ने बैंकों को कहा था कि विलफुल डिफॉल्टर्स के साथ समझौता करके उनके कर्ज को सेटल करें. अब बैंकों ने विलफुल डिफॉल्टर्स को नया कर्ज देने को लेकर RBI से सफाई मांगी है. हालांकि RBI ने अपने फैसले में साफ किया था कि विलफुल डिफॉल्टर के साथ समझौते के बाद अगर उसके कर्ज को सेटल किया जाता है तो एक साल बाद ही वह बैंक से नया कर्ज लेने का हकदार होगा.
अनुमान के मुताबिक 15 महीने बाद अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों को 5-5.25 फीसद पर स्थिर रखा है. बीते कुछ महीनों के दौरान अमेरिका में महंगाई कम हुई है. जिस वजह से यूएस फेड ने ब्याज दरों बदलाव नहीं किया है. हालांकि केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि 2023 के दौरान कम से कम 2 बार ब्याज दरों में हल्की बढ़ोतरी की जाएगी. अमेरिका में ब्याज दर नहीं बढ़ने का असर दुनियाभर के बाजारों पर पड़ा है. अमेरिकी डॉलर में तेजी देखी जा रही है और उसकी वजह से कच्चे तेल तथा सोने के भाव पर दबाव है. ब्रेंट क्रूड का भाव घटकर 73 डॉलर के नीचे आ गया है. सोने का भाव भी करीब 3 महीने के निचले स्तर पर है. विदेशी बाजार में सोने का भाव 1940 डॉलर प्रति औंस तक टूट गया है और घरेलू वायदा बाजार में कीमतें 59000 रुपए के नीचे हैं.