देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था से कई चिंताजनक खबरें सामने आई हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार सुस्त पड़ी है. ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी में मार्च महीने में लगातार 16वें महीने गिरावट आई है. दूसरी तरफ एक रिपोर्ट यह भी है कि महंगाई में नरमी के बावजूद उपभोक्ता अब भी छोटे पैकेट वाले ही ब्रैंडेड उत्पाद पसंद कर रहे हैं.
ऊंची महंगाई से आय पर चोट
ऊंची महंगाई की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आमदनी पर चोट पहुंची है और उनकी खरीद की क्षमता कम हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी भी काफी बढ़ गई है. यह इस बात से भी पुख्ता होती है कि जून महीने में मनरेगा के तहत काम की मांग बढ़ी है. जून में करीब 4.42 करोड़ लोगों ने मनरेगा के तहत काम किया. यह एक साल पहले के मुकाबले 2.3 फीसद ज्यादा है. मई महीने में भी मनरेगा के तहत काम की मांग में इजाफा हुआ था. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जून महीने में बेरोजगारी दो साल के ऊंचे स्तर 8.73% फीसद तक पहुंच गई है.
वाहनों की सुस्त बिक्री
वाहनों की बिक्री से अगर कुछ अंदाजा लगाएं तो इनमें मिले-जुले संकेत दिख रहे हैं. जनवरी से मई महीने के बीच ट्रैक्टर की बिक्री में 7 फीसद की बढ़त हुई है. हालांकि, हीरो मोटो कॉर्प के कारखाने से निकलने वाले वाहनों की संख्या में जून में 9फीसद की गिरावट आई है. हीरो के कुल उत्पादन का करीब आधा हिस्सा ग्रामीण बाजारों में ही होता है. कुल मिलाकर वाहनो की बिक्री सुस्त रही.
छोटे पैकेट वाले ब्रैंडेड उत्पादों की मांग
इकोनॉमी से जुड़ी एक और अहम रिपोर्ट यह है कि हाल के महीनों में महंगाई में नरमी के बावजूद उपभोक्ता अब भी छोटे पैकेट वाले ही ब्रैंडेड उत्पाद पसंद कर रहे हैं. छोटे पैकेट वाले उत्पादों की बिक्री में मई महीने में 23 फीसद की बढ़त हुई है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं में ऐसे उत्पादों की भारी मांग थी.
पिछले साल जब ऊंची महंगाई का दौर था तो उपभोक्ता छोटे पैकेट वाले उत्पाद खरीद रहे थे, लेकिन उन्हें एक उम्मीद थी कि आगे चलकर कीमतों में गिरावट आएगी. लेकिन इस साल मई महीने में भी इन उत्पादों की बिक्री में अच्छी बढ़त हुई है. करीब 75 लाख किराना दुकानों से जुड़े प्लेटफॉर्म Bizom के मुताबिक मिडसाइज और लार्ज साइज पैक वाले उत्पादों के मुकाबले छोटे पैक उत्पादों का हिस्सा तेजी से बढ़ा है. इसे FMCG कंपनियों के लिए चिंता की बात माना जा रहा है, क्योंकि ऐसी कंपनियों के ग्रोथ में ग्रामीण क्षेत्रों की बिक्री की अहम भूमिका होती है.