त्‍योहार में काबू रहेगी महंगाई, सरकार का दावा

गेहूं, चावल, चीनी की आपूर्ति बनी रहेगी पर्याप्त, त्योहारों के दौरान काबू में रहेंगे दाम: खाद्य सचिव

त्‍योहार में काबू रहेगी महंगाई, सरकार का दावा

गेहूं, चीनी, मसाले और दालों की बढ़ती कीमत के साथ इस बार त्‍योहार की खुशियां महंगाई की आग में झुलस सकती हैं. देशवासियों के इस डर को दूर करने के लिए सरकार आगे आई है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपू‍र्ति पर्याप्‍त है. सरकार काला बाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है. इससे आगामी त्योहारों के दौरान प्रमुख खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें काबू में रहेंगी.

खाद्य सचिव ने कहा है कि चाहे चावल हो या फिर गेहूं या चीनी अथवा खाद्य तेल, आगामी त्योहारों के दौरान इनके दाम बढ़ने की आशंका नहीं है. उन्होंने कहा कि जब भी जरूरत पड़ेगी, सरकार जरूरी कदम उठाएगी. गेहूं की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने तत्काल प्रभाव से व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं की भंडार सीमा को घटाकर 2,000 टन कर दिया है. इससे पहले ये सीमा 3,000 टन थी.

कम बारिश से हो रही परेशानी
खाद्य सचिव ने कहा कि देश में गेहूं, चावल, चीनी और खाद्य तेलों की आपूर्ति पर्याप्त है. चीनी के बारे में उन्होंने कहा कि हालांकि इसकी कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन अगस्त में कम मानसूनी बारिश के कारण कमी की आशंका को लेकर अफवाह के कारण हाल में कुछ जगह कीमतों में तेजी आई है. देश में 85 लाख टन का पर्याप्त चीनी भंडार है. यह साढ़े तीन महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्‍त है.

त्‍योहारों के लिए सरकार तैयार
खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार त्योहारों को लेकर पर्याप्त रूप से तैयार है. सरकार ने 25 लाख टन चीनी जारी की है. अगस्त में दो लाख टन अतिरिक्त चीनी जारी की गई है. मोटे तौर पर चीनी की उपलब्धता अच्छी है. सरकार इस साल गन्ना उत्पादन में गिरावट को लेकर उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ की आशंका से सहमत नहीं है.

गेहूं का है पर्याप्‍त भंडार
गेहूं के बारे में सचिव ने कहा कि देश में इसका पर्याप्त भंडार है और खुदरा कीमतें वर्तमान में औसतन 30 रुपए प्रति किलो पर स्थिर हैं. सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने और कीमतों को काबू में रखने के लिए व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं पर भंडार सीमा को और कम कर दिया है. 31 अगस्त की स्थिति के अनुसार, सरकार के पास 255 लाख टन गेहूं का भंडार था, जबकि जरूरत 202 लाख टन की है. परिस्थिति के अनुसार सरकार खुले बाजार में गेहूं की आक्रामक तरीके से बिक्री कर सकती है.

चावल को लेकर है चिंता
चावल के बारे में खाद्य सचिव ने कहा कि इसके दाम में 10 फीसद वृद्धि को लेकर सरकार चिंतित है. कीमत वृद्धि का कारण नकारात्मक धारणा है, जो कुछ लोग बना रहे हैं. यह कहा जा रहा है कि इस साल मानसून इतना अच्छा नहीं रहा है और चावल का उत्पादन प्रभावित होने वाला है. यह सिर्फ कुछ लोगों की तरफ से नकारात्मक रूप से पैदा की जा रही धारणा है. फसल की स्थिति अच्छी है. कमी जैसी कोई बात नहीं है.

तेल का है अतिरिक्‍त भंडार
खाद्य तेल के बारे में सचिव ने कहा कि देश में वर्तमान में 37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है, जो पिछले साल के 27 लाख टन से अधिक है. कम वैश्विक कीमतों का फायदा उठाते हुए उद्योग ने इस साल रिकॉर्ड खाद्य तेल का आयात किया है. कुल मिलाकर देश में अतिरिक्त भंडार है और परिणामस्वरूप, आने वाले दिनों में किसी प्रकार कमी या कीमतों में वृद्धि की आशंका नहीं है.

Published - September 15, 2023, 01:40 IST