मानसून की बारिश में कमी की वजह से इस साल खरीफ की बुवाई पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. दरअसल, देश में मानसून को पहुंचे हुए करीब एक हफ्ता बीत चुका है और मानसून महाराष्ट्र के दक्षिण पश्चिम हिस्से तक पहुंच भी गया है लेकिन 3 दिन से वहीं पर बना हुआ है और आगे नहीं बढ़ रहा है. ऐसे में मानसून के आगे बढ़ने में अगर देरी होती है तो उसकी वजह से खरीफ की खेती पर खराब असर पड़ेगा. मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देशभर में बारिश सामान्य से 53 फीसदी कम दर्ज की गई है.
मौसम का अनुमान जारी करने वाली निजी संस्था स्काइमेट ने भी कृषि के लिहाज से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जुलाई के पहले हफ्ते तक कम बारिश होने का अनुमान जताया है. बता दें कि जून से जुलाई की अवधि खेती के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है.
दूसरी ओर मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 15 जून की शाम को चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के जखाऊ के पास टकराएगा. गुजरात के तटीय इलाकों में 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे से 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. मौसम विभाग ने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के जिलों कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिलों में 14 जून से 15 जून के बीच भारी बारिश की आशंका जताई है.
सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून के 18 जून से 21 जून के दौरान दक्षिण प्रायद्वीप और पूर्वी भारत में पहुंचने की संभावना है. अगले 5 दिन पश्चिम बंगाल के हिमालयी और सिक्किम में भारी बारिश का अनुमान है. वहीं 16 और 17 जून को दक्षिण पश्चिम राजस्थान और 17 जून को दक्षिण पूर्व राजस्थान में भारी बारिश की संभावना है.