मानसून की बारिश बहुत कम होने और तापमान ऊंचा रहने से देश के प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर कम होता जा रहा है. केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों से पता चलता है कि एक तिहाई से अधिक जलाशयों में क्षमता से 40 प्रतिशत से कम पानी है. वहीं देश के 150 प्रमुख जलाशय उनकी क्षमता से लगभग 50 प्रतिशत कम भरे हुए हैं. सीडब्ल्यूसी ने ये जानकारी 150 जलाशयों के लाइव स्टोरेज पर जारी अपने साप्ताहिक बुलेटिन में दी.
डेटा के अनुसार कुल जलाशयों में से 54 का स्तर 40 प्रतिशत से कम है, जबकि 23 का स्तर 50 फीसद से कम है. जबकि चार जलाशय क्षमता के मुताबिक भरे हुए हैं, लेकिन अन्य दो में पानी नहीं है. वहीं दूसरे पांच जलाशय क्षमता से 10 प्रतिशत से कम भरे हुए हैं. बुलेटिन में कहा गया है कि इस सप्ताह प्रमुख जलाशयों में भंडारण 178.784 बीसीएम क्षमता का 47 प्रतिशत यानी 84.32 बीसीएम था. वहीं पिछले सप्ताह यह 49 फीसदी था. एक साल पहले इसी अवधि में यह स्तर 82 फीसदी था और पिछले 10 साल का औसत 95 फीसदी है.
ये फसलें हो सकती हैं प्रभावित
पानी का स्टोरेज घटना दक्षिणी क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है. क्योंकि यहां रबी धान और दलहन की खड़ी फसल को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसी तरह कम पानी का भंडारण ज़ायद की फसल को प्रभावित कर सकता है. कुछ किसान दलहन, तिलहन और चावल उगाने के लिए ज़ायद के दौरान बुआई करने का विकल्प चुनते हैं, जो रबी और ख़रीफ़ सीज़न के बीच होती है.
कम मॉनसून ने बढ़ाई चिंता
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, डेटा उपलब्ध कराने वाले 712 जिलों में से 69 प्रतिशत में या तो बहुत कम या बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है. इससे देश के 12 राज्यों में पानी का भंडारण सामान्य से कम हो गया है. दक्षिणी क्षेत्र में स्थिति दूसरे क्षेत्रों की तुलना में गंभीर बनी हुई है, जहां भंडारण 53.334 बीसीएम क्षमता के 16.555 बीसीएम पर घटकर 31 प्रतिशत रह गया है. इस क्षेत्र के 42 जलाशयों में से 27 अपनी क्षमता से 50 प्रतिशत से कम भरे हुए हैं. आंध्र प्रदेश में (-57 प्रतिशत), कर्नाटक (-29 प्रतिशत) और तमिलनाडु (-18 प्रतिशत) का स्तर सामान्य से कम था. नागार्जुन सागर (क्षमता का 7 प्रतिशत), कंदालेरू और कददम (प्रत्येक में 10 प्रतिशत), तुंगभद्रा (8 प्रतिशत), तट्टीहल्ला (0) और शोलायार (1 प्रतिशत) में भंडारण अनिश्चित था.
असम में सामान्य से दोगुना हुआ स्तर
उत्तरी क्षेत्र में10 में से आठ जलाशयों का स्तर क्षमता के 50 प्रतिशत से कम बना हुआ है. इस सप्ताह भंडारण 19.663 बीसीएम क्षमता का 42 प्रतिशत (45 प्रतिशत) 8.287 बीसीएम था. इस क्षेत्र में आने वाले पंजाब में (-15 प्रतिशत) और राजस्थान (-8 प्रतिशत) में स्तर सामान्य से कम था. जबकि असम ने पानी के सामान्य स्तर से दोगुना होने का दावा किया, लेकिन ओडिशा (-5 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (-8 प्रतिशत), नागालैंड (-18 प्रतिशत) और बिहार (-56 प्रतिशत) में सामान्य से कम भंडारण था. पश्चिमी क्षेत्र के 49 जलाशयों में से सोलह में क्षमता का 50 प्रतिशत से कम भंडारण था. आगे भी स्थिति गंभीर बनी रहने की संभावना है, लेकिन आईएमडी के पूर्वानुमान में उम्मीद की गई है कि इस सप्ताह के अंत में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और अगले सप्ताह आसपास के उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में बारिश/बर्फबारी होने की संभावना है.