अभी नहीं मिलेगी महंगी सब्जियों से राहत, जानिए कब घटेंगे दाम

सब्जियों की सप्‍लाई प्रभावित होने के चलते अगले कुछ महीनों में महंगाई दर में 0.4-0.6 प्रतिशत अंक की बढ़ोतरी का अनुमान

अभी नहीं मिलेगी महंगी सब्जियों से राहत, जानिए कब घटेंगे दाम

vegetables price hike

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इनदिनों सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. लगातार बढ़ती गर्मी के चलते कीमतों में और इजाफा होने की आशंका है. विशेषज्ञ सब्जियों की सप्‍लाई प्रभावित होने के चलते अगले कुछ महीनों में महंगाई दर में 0.4-0.6 प्रतिशत अंक की बढ़ोतरी का अनुमान लगा रहे हैं. वहीं नीति निर्माता महंगाई की मार से राहत पाने के लिए मानसून पर अपनी निगाहें टिकाए हुए हैं.

सब्जियों की बढ़ती कीमतें बजट को प्रभावित कर रही हैं. देश के कई हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण सब्जियों की पैदावार प्रभावित हो रही है. सप्‍लाई कम होने की वजह से इनके दाम में बढ़ोतरी हो रही है. दिल्ली के आज़ादपुर मंडी में भिंडी, तोरी, और पत्तागोभी जैसी सब्जियां पिछले साल की तुलना में ऊंचे मूल्य स्तर पर कारोबार कर रही हैं. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि थोक और खुदरा बाजार दोनों में ज्यादातर हरी सब्जियों की कीमतें पिछले साल की तुलना में काफी ज्‍यादा है. तोरी जहां पिछले साल 60 रुपए थी, वहीं अब ये 80 रुपए प्रति किलो बिक रही है. ऐसे ही परवल 70 रुपए की तुलना में इस बार 100 रुपए में है. गोभी 20 रुपए की जगह 40 रुपए और लहसुन 80 रुपये की तुलना में 240 रुपए में बिक रहा है. इस साल सब्जियों की मजबूत मांग और लू के कारण कीमतें अपनी ऊंचाई पर है.

सभी सब्जियों की कीमतें होंगी प्रभावित

ईटी के विश्लेषण से पता चलता है कि सब्जियों की बढ़ती कीमतें केवल टमाटर, प्याज और आलू तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि ये दूसरी सब्जियों के दाम को भी प्रभावित करेगी. आलू की महंगाई दर मार्च में पिछले महीने के 12.4% से बढ़कर 41% हो गई है, वहीं प्याज फरवरी की महंगाई 21.9% से बढ़कर 36.9% हो गई, गाजर 23.3% महंगी हो गई है, इसी तरह अदरक 68.5% और लहसुन 150.7% तक महंगे हो गए हैं.

घटेगा प्‍याज का उत्‍पादन

सरकारी अनुमान के अनुसार, 2023-24 के लिए प्याज का उत्पादन साल-दर-साल 16% गिरकर 25.4 मिलियन टन होने की उम्मीद है. 2023 में अनियमित मानसून के कारण उत्‍पादन प्रभावित होगा. देश के कई हिस्सों में जलाशय का स्तर खराब हो गया है, खासकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के प्याज उगाने वाले बेल्ट में इसका सबसे ज्‍यादा असर पड़ा है. कृषि मंत्रालय के पहले के अनुमान के अनुसार, बागवानी उत्पादन की संभावना पिछले वर्ष के 355.5 मिलियन टन की तुलना में 2023-24 में 355.2 मिलियन टन पर स्थिर हो सकता है.

अभी और बढ़ेगी गर्मी

मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार इस साल सामान्य से अधिक गर्मी पड़ सकती है. अप्रैल से शुरू होने वाला गर्मी का ये मौसम जून तक जारी रहेगी. हालांकि आईएमडी ने इस साल सामान्य से अधिक मॉनसून की भविष्यवाणी की है. ऐसे में जानकारों को उम्मीद है कि मानसून तक सब्जियों की कीमतें ऊंची रहेंगी.

Published - April 23, 2024, 11:13 IST