देश के अलग-अलग राज्यों में बेरोजगारी को लेकर किए गए सर्वेक्षण के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. 23 मई को जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में बेरोजगारी दर में मामूली गिरावट देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2023 की जनवरी-मार्च तिमाही में जहां ये आंकड़ा 6.8% था, वहीं 2024 वित्त वर्ष की समान अवधि में बेरोजगारी दर 6.7% दर्ज की गई. सर्वे के मुताबिक दिल्ली में सबसे कम बेरोजगार पाए गए, जबकि केरल में सबसे ज्यादा लोग नौकरी की तलाश करते हुए मिले.
सर्वेक्षण में पाया गया कि दिल्ली में जनवरी-मार्च तिमाही में सबसे कम बेरोजगार मिले, जबकि केरल में 15-29 आयु वर्ग में सबसे अधिक बेरोजगारी देखने को मिली. यहां ज्यादातर लोग अपनी पहली नौकरी की तलाश में बाहर जाते हैं. यह सर्वे केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) की ओर से जारी किया गया है, जो 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है.
राज्यवार देखें सबसे कम और ज्यादा बेरोजगारों का आंकड़ा
सर्वे के मुताबिक सबसे कम बेरोजगारी दर वाले पांच राज्यों में दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक और मध्य प्रदेश शामिल हैं. डेटा के मुताबिक दिल्ली में 3.1%, गुजरात (9%), हरियाणा (9.5%), कर्नाटक (11.5%) और मध्य प्रदेश में 12.1% लोग बेरोजगार थे. वहीं सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर वाले राज्यों में केरल (31.8%), जम्मू-कश्मीर (28.2%), तेलंगाना (26.1), राजस्थान (24%) और ओडिशा (23.3%) शामिल हैं.
महिलाओं की क्या है स्थिति
सर्वेक्षण में बताया गया कि सबसे अधिक महिला बेरोजगारी दर जम्मू-कश्मीर (48.6%), केरल (46.6%), उत्तराखंड (39.4%), तेलंगाना (38.4%) और हिमाचल प्रदेश (35.9%) में पाई गई. जबकि महिलाओं के बीच सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्य दिल्ली (5.7%), गुजरात (10.9%), मध्य प्रदेश (13.5%), हरियाणा (13.9%) और कर्नाटक (15%) हैं.
कैसे होती है बेरोजगारी दर की गणना?
पीएलएफएस हर तीन महीने में एक बार किया जाता है. यह बेरोजगारी दर, श्रम बल भागीदारी दर और श्रमिक जनसंख्या अनुपात को मापता है. बेरोजगारी दर की गणना वर्तमान साप्ताहिक स्थिति के आधार पर की जाती है. इसके तहत, एक व्यक्ति को एक सप्ताह में तब ‘बेरोजगार’ माना जाता है अगर उसने उस सप्ताह के दौरान किसी भी दिन एक घंटे के लिए भी काम नहीं किया हो.