देश में स्मार्टफोन को किफायती बनाने के तरीकों और साधनों का पता लगाने के लिए दूरसंचार नियामक (TRAI) ने कंसल्टेशन पेपर जारी कर लोगों की राय मांगी है. इसके तहत ये पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि सरकार की ओर से स्मार्टफोन की कीमतों को कम करने के लिए लोकल मैन्यूफैक्चरिंग पर जो ध्यान दिया जा रहा है, यह पर्याप्त है या नहीं. इसके अलावा ट्राई ने लोगों से डिजिटल उपकरणों और कनेक्टिविटी को किफायती बनाने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए, इस पर भी राय मांगी है. नियामक ने पेपर पर टिप्पणी देने की आखिरी तारीख 16 अक्टूबर और जवाबी टिप्पणी के लिए 31 अक्टूबर तय की है.
कंसल्टेशन पेपर में ट्राई ने देश में स्मार्टफोन फाइनेंसिंग और सेकेंड हैंड स्मार्टफोन की उपयोगिता तलाशने का उदाहरण दिया है. ट्राई का मानना है कि टेक्नोलॉजी के तेजी से बढ़ते कदम और एआई एवं मशीन लर्निंग सहित 5जी सक्षम सेवाओं की शुरूआत से डिजिटल विभाजन को बढ़ा सकती है. इसलिए इसका उपयोग सभी लोग आसानी से कर सके इसके लिए स्मार्टफोन को किफायती बनाया जाना चाहिए.
नियामक के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर की पहुंच असमान होना, सीमित डिजिटल साक्षरता, उभरती प्रौद्योगिकियों के समान वितरण और उपयोग में दिक्कत पैदा कर सकते हैं. इससे डिजिटल मिशन का सपना पूरा नहीं हो पाएगा. इसे ठीक करने के लिए लोगों तक तकनीक की आसान पहुंच होनी चाहिए.
ओटीटी के लिए भी मांगी राय
नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो, डिजनी हॉटस्टार और जियोसिनेमा जैसे ओवर-द-टॉप (OTT) वीडियो प्लेटफार्मों को लेकर भी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने परामर्श पत्र जारी करने की योजना बनाई है. इसमें ओटीटी प्लेटफॉर्मों के रेगुलेशन को लेकर राय मांगी गई है. इन ऐप्स को रेगुलेट करने का मकसद ग्राहकों की सुरक्षा करना है. परामर्श पत्र में ओटीटी वीडियो प्लेटफार्मों और केबल टीवी और डायरेक्ट-टू-होम (DTH) सेवाओं जैसे पारंपरिक प्लेटफार्मों के बीच कीमत में समानता लाने की बात की जाएगी.