कच्चे माल की महंगाई और मांग में कमी से टेक्सटाइल सेक्टर बुरी तरह प्रभावित

वैश्विक सुस्ती और महंगाई की मार से लड़ रहे टेक्सटाइल सेक्टर में इस बार की दिवाली भी जोश नहीं भर पाई.

कच्चे माल की महंगाई और मांग में कमी से टेक्सटाइल सेक्टर बुरी तरह प्रभावित

वैश्विक सुस्ती और महंगाई की मार से लड़ रहे टेक्सटाइल सेक्टर में इस बार की दिवाली भी जोश नहीं भर पाई. कच्चे माल की महंगाई और मांग में कमी की वजह से टेक्सटाइल इकाइयों में काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. हालात ऐसे हैं कि इस बार दिवाली के मौके पर टेक्सटाइल इकाइओं ने अपने वर्कर्स को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है. देश के सबसे बड़े टेक्सटाइल हब सूरत में दिहाड़ी मजदूरों को नवंबर के दूसरे पखवाड़े में काम पर लौटने के लिए कहा गया है. आम तौर पर सूरत के टेक्सटाइल हब में दिवाली के मौके पर सिर्फ 3-5 दिन की छुट्टी होती थी.

कारोबार में 40 फीसद तक गिरावट

सूरत टेक्सटाइल मार्केट कमेटी के प्रतिनिधियों का मानना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार कारोबार में 40 फीसद तक गिरावट देखने को मिली है. सूरत टेक्सटाइल मार्केट ने इससे पहले कई बड़े झटके झेले हैं, लेकिन इतनी लंबी अवधि के लिए टेक्सटाइल इकाइयों को कभी बंद नहीं किया गया, फिर चाहे 2008 की मंदी हो, नोटबंदी हो या GST को लागू करते समय आई अड़चने हों.

सूरत की बुनकर इकाइयों का हाल और भी खराब

सूरत की बुनकर इकाइयों का हाल तो और भी खराब है. दिवाली बीते एक हफ्ते से ज्यादा हो चुका है, और 10 लाख बुनकर इकाइयों में से अभी तक सिर्फ 10 हजार में ही काम शुरू हो पाया है. कपड़ों की महंगाई लगातार बढ़ रही है और दहाई के आंकड़े के करीब पहुंच गई है. इस वजह से टेक्सटाइल सेक्टर के सामने मांग की चुनौती बनी हुई है. बीते सितंबर के दौरान कपड़ों की महंगाई 9.9 फीसद दर्ज की गई है. इससे पहले अगस्त और जुलाई में भी यह आंकड़ा साढ़े 9 फीसद के ऊपर था.

महंगे कपास की वजह से कपड़ों की महंगाई में बढ़ोतरी

महंगे कपास की वजह से कपड़ों की महंगाई में बढ़ोतरी देखने को मिली है, हालांकि अब कपास की नई फसल मंडियों में आना शुरू हुई है. जिस वजह से कपास के दाम भी कुछ घटे हैं और टेक्सटाइल इंडस्ट्री की लागत भी घटने लगी है. उम्मीद है कि नए कपास की आवक बढ़ने के साथ स्थिति में सुधार होगा और टेक्सटाइल इंडस्ट्री भी सुस्ती के दौर से बाहर निकलेगी.

Published - November 2, 2022, 01:00 IST