लाल सागर का तनाव भारत के लिए कितनी बड़ी मुसीबत?

भारत के कुल निर्यात में यूरोपीय यूनियन को होने वाले निर्यात की हिस्सेदारी 15 फीसद से ज्यादा है

लाल सागर का तनाव भारत के लिए कितनी बड़ी मुसीबत?

लाल सागर में तनाव की वजह से भारत से यूरोप को होने वाले 80 फीसद एक्सपोर्ट पर असर पड़ने की आशंका है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मुताबिक लाल सागर में तनाव की वजह से भारत से यूरोप को होने वाला निर्यात सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है. गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कमजोर मांग के कारण यूरोपीय यूनियन को भारत से होने वाला निर्यात पहले ही धीमा हो गया है. भारत के कुल निर्यात में यूरोपीय यूनियन को होने वाले निर्यात की हिस्सेदारी 15 फीसद से ज्यादा है.

वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि कार्बन उत्सर्जन और यूरोपीय यूनियन के वनों की कटाई कानून जैसे कई पर्यावरण संबंधी व्यापार उपायों की वजह से भविष्य में भारत के निर्यात पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. मंत्रालय ने कहा कि नवंबर के मध्य से मालवाहक समुद्री जहाजों पर हूति विद्रोहियों के द्वारा हमलों में बढ़ोतरी हुई है. बता दें कि यूरोप के साथ भारत का 80 फीसद व्यापार लाल सागर के जरिए होता है.

मंत्रालय ने कहा है कि लाल सागर का इलाका वैश्विक कंटेनर यातायात के 30 फीसद और वैश्विक व्यापार के 12 फीसद के लिए काफी महत्वपूर्ण है और करीब 95 फीसद मालवाहक जहाजों ने रास्ता बदल लिया है और केप ऑफ गुड होप के करीब से गुजर रहे हैं और जिसकी वजह से यात्रा की दूरी और दिन में क्रमश: 4,000 से 6,000 समुद्री मील और 14-20 दिन की बढ़ोतरी हो गई है.

हूति विद्रोहियों ने अमेरिकी पोत पर मिसाइल दागी

यमन के हूति विद्रोहियों ने लाल सागर में एक अमेरिकी जहाज को निशाना बनाकर पोत विध्वंसक क्रूज मिसाइल दागी, जिसे एक अमेरिकी लड़ाकू विमान ने मार गिराया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. गाजा पट्टी में हमास के साथ इजराइल के युद्ध के बीच हाल में वैश्विक स्तर पर जहाजों की आवाजाही को प्रभावित करने वाले हमले हुए हैं. लाल सागर में हफ्तों तक जहाजों पर हुती विद्रोहियों के हमलों के बाद अमेरिका और सहयोगी देशों ने शुक्रवार को विद्रोहियों पर हमले शुरू किए, जिसके बाद पहली बार हुती विद्रोहियों ने यह हमला किया है। अमेरिका ने हुती विद्रोहियों की ओर से हुए हमले की पुष्टि की है.

इजराइल-हमास युद्ध के दौरान हुती विद्रोहियों ने एशिया और पश्चिम एशिया के तेल तथा मालवाहक जहाजों को स्वेज नहर से यूरोप को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण गलियारे में निशाना बनाया है. ऐसे हमलों से इजराइल-हमास युद्ध के क्षेत्रीय संघर्ष में बदलने का खतरा पैदा हो गया है. ईरान से संबद्ध शिया विद्रोही समूह हुती ने अभी हमले की जिम्मेदरी नहीं ली है. अमेरिकी सेना की मध्य कमान ने एक बयान में कहा कि हुती विद्रोहियों के हमले में लाल सागर के दक्षिणी इलाकों में संचालित विध्वंसक पोत ‘यूएसएस लाबून’ को निशाना बनाया गया.

अमेरिका ने कहा कि मिसाइल लाल सागर के बंदरगाह शहर होदेइदा के पास से आई जिस पर लंबे समय से हुती विद्रोहियों का कब्जा है. मध्य कमान ने कहा कि यमन के ईरान समर्थित हुती विद्रोही इलाकों से ‘यूएसएस लाबून’ की ओर एक पोत विध्वंसक क्रूज मिसाइल दागी गई. घटना में किसी के हताहत होने या नुकसान की सूचना नहीं है. अमेरिकी नेतृत्व वाले हमलों के पहले दिन शुक्रवार को 28 स्थानों पर हमला किया गया था और लड़ाकू विमान, युद्धपोतों और एक पनडुब्बी द्वारा छोड़ी गयी क्रूज मिसाइलों तथा बमों के जरिए 60 से अधिक लक्ष्यों पर निशाना साधा गया.

Published - January 16, 2024, 02:02 IST