रबी की खेती पिछले साल के मुकाबले 7 फीसद आगे

अबतक हुई रबी की खेती पिछले साल के मुकाबले 7 फीसद आगे चल रही है. गेहूं तथा सरसों की खेती में जोरदार उछाल देखने को मिला है.

रबी की खेती पिछले साल के मुकाबले 7 फीसद आगे

रबी की खेती का सीजन पीक पर है. जिन फसलों का बाजार भाव सरकार के समर्थन मूल्य से ऊपर चल रहा है किसान भी उनकी खेती को ही ज्यादा तरजीह दे रहे हैं. यही वजह है कि अबतक हुई रबी की खेती पिछले साल के मुकाबले 7 फीसद आगे चल रही है. गेहूं तथा सरसों की खेती में जोरदार उछाल देखने को मिला है.

देशभर में गेहूं और सरसों के रकबे में करीब 15 फीसद का उछाल

कृषि मंत्रालय के आंकड़े देखें तो 18 नवंबर तक देशभर में गेहूं और सरसों के रकबे में करीब 15 फीसद का उछाल आया है. रबी धान, मक्का और जौ की खेती भी पिछले साल के मुकाबले आगे है. दलहन की खेती हालांकि कुछ पिछड़ी हुई है लेकिन गेहूं और सरसों की वजह से कुल रबी बुआई पिछले साल से काफी आगे है.

गेहूं की कृषि उपज मंडियों में भाव 2500 रुपए के ऊपर चल रहा

अधिकतर उन फसलों की खेती बढ़ी है जिनका बाजार भाव सरकार के तय किए समर्थन मूल्य से ऊपर है. गेहूं को ही देख लीजिए कृषि उपज मंडियों में भाव 2500 रुपए के ऊपर चल रहा है. जबकि समर्थन मूल्य 2125 रुपए है. मंडियों में सरसों का भाव भी 6000 रुपए है. जबकि समर्थन मूल्य 5450 रुपए है. चने की खेती कुछ पीछे है. और उसका मंडी भाव भी सरकार के तय किए MSP से नीचे है.

बीते खरीफ और रबी सीजन के दौरान देश में चावल और गेहूं की उपज घटी

बीते खरीफ और रबी सीजन के दौरान देश में चावल और गेहूं की उपज घटी है, जिस वजह से सरकारी गोदामों में भी अनाज का स्टॉक कई वर्षों के निचले स्तर तक पहुंच गया है. इस वजह से भी गेहूं और चावल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो किसानों को इनकी खेती के लिए प्रेरित कर रही है. पहली नवंबर तक केंद्रीय पूल में गेहूं और चावल का स्टॉक 376 लाख टन दर्ज किया गया है जो 6 वर्षों में नवंबर की शुरुआत का सबसे कम स्टॉक है. इसमें भी गेहूं का स्टॉक तो 14 साल के निचले स्तर पर है.

इस साल रबी की खेती को बढ़ाने में मौसम भी साथ दे रहा

इस साल रबी की खेती को बढ़ाने में मौसम भी साथ दे रहा है. मानसून सीजन के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले 6 फीसद ज्यादा बरसात हुई है. जिस वजह से जमीन में फसल के लिए नमी पर्याप्त है. और मानसून सीजन बीतने के बाद अबतक सामान्य के मुकाबले 29 फीसद अधिक बरसात दर्ज की जा चुकी है. जिस वजह से झीलें और तालाब पानी से भरे हुए हैं. और मौसम की इसी अनुकूलता की वजह से रबी की खेती बढ़ रही है. मौसम अगर आने वाले दिनों में भी अनुकूल रहता है तो इस बार रबी की खेती का नया रिकॉर्ड बन सकता है.

Published - November 23, 2022, 01:00 IST