प्राइवेट कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, 9.6% तक बढ़ सकती है सैलरी: रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि वेतन में बढ़ोतरी लगभग 2023 के समान ही होगी. इसके अलावा नौकरी छोड़ने वालों की संख्‍या कम होगी

प्राइवेट कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, 9.6% तक बढ़ सकती है सैलरी: रिपोर्ट

देश में मौजूद कंपनियां इस साल अपने कर्मचारियों के वेतन में 9.6 प्रतिशत तक का इजाफा कर सकती हैं. वेतन में ये बढ़ोतरी लगभग 2023 के समान ही होगी. हालांकि यह 2022 में हुई 10.4 प्रतिशत की वेतन वृद्धि से कम होगी. ये दावा एडवाइजरी कंपनी EY की रिपोर्ट में किया गया है. इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नौकरी छोड़ने की दर 2022 के 21.2 प्रतिशत से घटकर 18.3 प्रतिशत रह गई है. अगले कुछ साल में इसमें और कमी आने की संभावना है.

इन सेक्‍टर में हो सकती है सबसे ज्‍यादा वेतन बढ़ोतरी

फ्यूचर ऑफ पे 2024 रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक वेतन वृद्धि ई-कॉमर्स सेक्‍टर में देखने को मिल सकती है. इसमें 10.9 फीसद तक वेतन बढ़ाया जा सकता है. इसके बाद वित्तीय सेवाओं में 10.1 प्रतिशत तक की वेतन वृद्धि हो सकती है. वहीं पेशेवर सेवाओं और रियल एस्टेट दोनों सेक्‍टर में 10 प्रतिशत तक की वेतन बढ़ोतरी की उम्मीद है. इससे पहले 2023 में ई-कॉमर्स में 10.5 प्रतिशत, ऑटो-वाहन विनिर्माण और वित्तीय सेवाओं में 10.4 प्रतिशत तक सबसे ज्‍यादा वेतन वृद्धि देखने को मिली थी.

वेरिएबल पे में दिखेगा बदलाव

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2024 में सबसे कम सैलरी वाले स्तर को छोड़कर सभी कर्मचारी स्तरों पर उनके वेरिएबल पे प्रतिशत में कमी आ सकती है. एग्‍जीक्‍यूटिव को आम तौर पर सबसे वेरिएबल पे मिलता है, लेकिन 2024 के लिए उनकी अनुमानित वेतन वृद्धि 2023 की तुलना में कम होगी. रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में भारत में कुल तय सैलरी के रूप में औसत वेरिएबल पे भुगतान 15.05 प्रतिशत था. मगर जैसे-जैसे व्यक्ति संगठन में ऊपर पोस्‍ट पर जाता है तो उसका वेरिएबल पे रेशियाे बढ़ता जाता है. पिछले साल व्यक्तिगत योगदानकर्ताओं के वेतन का 9.2 प्रतिशत और प्रबंधकों के 10.7 प्रतिशत को वेरिएबल पे के रूप में बांटा गया था. वहीं फंग्‍शन्‍स हेड और एग्‍जीक्‍यूटिव के लिए, यह क्रमशः 14.1 प्रतिशत और 26.2 प्रतिशत से ज्‍यादा था.

नौकरी छोड़ने वालों की संख्‍या घटी

ईवाई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में नौकरी छोड़ने की दर 2022 में 21.2 प्रतिशत से घटकर 2023 में महामारी-पूर्व स्तर 18.3 प्रतिशत के करीब आ गई है. विभिन्न सर्वेक्षणों में महामारी से पहले वर्ष में नौकरी छोड़ने का स्तर 16-18 प्रतिशत के बीच आंका गया था. कुल 18.3 प्रतिशत कर्मचारियों में से 15.2 प्रतिशत ने स्वैच्छिक तौर पर नौकरी छोड़ी थी, वहीं 4.2 प्रतिशत के नौकरी छोड़ने की वजह अनैच्छिक थी.

Published - March 7, 2024, 10:03 IST