देश में इस साल खरीफ दलहन की उपज घटने की आशंका जताई जा रही है. खरीफ दलहन की बुआई का सीजन लगभग खत्म होने को है और अबतक जो खेती हुई है वह पिछले साल के मुकाबले करीब 10 लाख हेक्टेयर पिछड़ी हुई है. कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 11 अगस्त तक देशभर में 113.07 लाख हेक्टेयर में खरीफ दलहन की खेती दर्ज की गयी है जबकि पिछले साल इस दौरान 122.77 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी थी. खेती का सीजन समाप्ति की ओर है और आगे चलकर दलहन की खेती में बहुत ज्यादा सुधार की उम्मीद कम है. जिस वजह से उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
अबतक हुई कुल खेती में सभी प्रमुख खरीफ दलहन का रकबा पिछड़ा हुआ है, उड़द की खेती सबसे ज्यादा पीछे है. 11 अगस्त तक देशभर में कुल 29.55 लाख हेक्टेयर में उड़द की खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान 34.15 लाख हेक्टेयर में फसल लगी थी. तुअर की खेती में पहले के मुकाबले कुछ सुधार जरूर हुआ है लेकिन रकबा अभी भी पीछे है, 11 अगस्त तक देशभर में तुअर का रकबा 40.27 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जबकि पिछले साल इस दौरान 42.55 लाख हेक्टेयर में फसल लगी थी. मूंग का भी कुछ ऐसा ही हाल है, अबतक 30.03 लाख हेक्टेयर में मूंग की फसल दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान 32.38 लाख हेक्टेयर में खेती थी.
कृषि मंत्रालय की तरफ से खरीफ फसलों के लिए पहला अग्रिम अनुमान सितंबर में जारी किया जाएगा. दालों की खेती पिछड़ने के बाद संभावना है कि कृषि मंत्रालय के इस बार के अनुमान में दालों का उत्पादन घटा हुआ नजर आ सकता है.
अन्य खरीफ फसलों की बात करें तो तिलहन और कपास की खेती में भी हल्की कमी है लेकिन दलहन जैसी स्थिति नहीं है. 11 अगस्त तक खरीफ तिलहन का रकबा 1.28 हेक्टेयर पिछड़ा हुआ दर्ज किया गया है, कुल 183.33 लाख हेक्टेयर में खेती दर्ज की गई है, इसी तरह 121.28 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती दर्ज की गई है जो पिछले साल के मुकाबले 1.24 लाख हेक्टेयर पीछे है.
हालांकि अनाज के मोर्चे पर स्थिति बेहतर नजर आ रही है, धान का रकबा पिछले साल के मुकाबले 15 लाख हेक्टेयर आगे चल रहा है, 11 अगस्त तक 328.22 लाख हेक्टेयर में धान की खेती दर्ज की गई है. मोटे अनाज का रकबा भी पिछले साल के मुकाबले 3.62 लाख हेक्टेयर आगे दर्ज किया गया है, कुल 171.36 लाख हेक्टेयर में खेती रिकॉर्ड की गई है.