अब खाने का तेल भी महंगा

दालें, सब्जियां और अनाज के बाद खाने के तेल की कीमतें बढ़ीं

अब खाने का तेल भी महंगा

फोटो साभार: TV9 भारतवर्ष

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खाद्य महंगाई और ज्यादा बढ़ने की आशंका मजबूत हो गई है. दालें, सब्जियां और अनाज पहले ही महंगे हैं और अब इस लिस्ट में खाने का तेल भी शामिल हो रहा है. जुलाई के दौरान सरसों तेल और पाम तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जुलाई की शुरुआत में सरसों तेल का मॉडल भाव 130 रुपए किलो था, जो अब बढ़कर 135 रुपए किलो हो गया है. वहीं पाम तेल का मॉडल भाव भी 100 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 105 रुपए किलो हो चुका है. खाद्य तेल की कीमतों में आई बढ़ोतरी का असर उसके इंपोर्ट पर भी देखा जा रहा है. पिछले साल की तुलना में जून के महीने में खाद्य तेल के इंपोर्ट में 32 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

सूरजमुखी तेल का इंपोर्टेड प्राइस 10 फीसद बढ़ा
उधर, ब्लैक सी ग्रेन डील से रूस के बाहर होने की वजह से सूरजमुखी तेल के आयातित भाव में भी करीब 10 फीसद तेजी आ चुकी है, जिस वजह से रिटेल मार्केट में सूरजमुखी तेल का भाव भी आने वाले दिनों में बढ़ सकता है. मौजूदा समय में घरेलू बाजार में सूरजमुखी का मॉडल प्राइस 115 रुपए प्रति किलो है.

खाद्य तेल इंपोर्ट में बढ़ोतरी
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन यानी SEA के आंकड़ों के मुताबिक जून 2023 में खाद्य तेल इंपोर्ट में 32 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जून 2023 में 1,314,476 मीट्रिक टन खाद्य तेल इंपोर्ट हुआ था, जबकि पिछले साल जून 2022 में 991,650 मीट्रिक टन खाद्य तेल का इंपोर्ट दर्ज किया गया था. नवंबर 2022 से जून 2023 के दौरान खाद्य तेल इंपोर्ट में 20 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस दौरान 10,483,120 मीट्रिक टन खाद्य तेल का इंपोर्ट हुआ था, जबकि नवंबर 2021 से जून 2022 के दौरान यह आंकड़ा 8,760,640 मीट्रिक टन था.

पिछले साल के आस-पास है तिलहन का रकबा
चालू खरीफ सीजन में अभी तक देशभर में करीब 3 फीसद की मामूली बढ़त के साथ 160.41 लाख हेक्टेयर में तिलहन की बुआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस दौरान 155.29 लाख हेक्टेयर में तिलहन बोया गया था. सोयाबीन का रकबा अभी तक 114.48 लाख हेक्टेयर में दर्ज किया गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 111.31 लाख हेक्टेयर का था.

Published - July 25, 2023, 03:21 IST