भारतीय अर्थव्यवस्था पर ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने भरोसा जताया है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने स्थिर परिदृश्य के साथ भारत की साख को बीएए3 रेटिंग पर बरकरार रखते हुए कहा कि उच्च वृद्धि दर से आय स्तर में क्रमिक वृद्धि होगी जो आर्थिक स्थिति को मजबूती देगी. मूडीज का अनुमान है कि घरेलू मांग के दम पर भारत की आर्थिक वृद्धि दर कम-से-कम अगले दो साल तक जी-20 देशों की अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी.
रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा कि मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत सरकार की दीर्घकालिक स्थानीय और विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग और स्थानीय मुद्रा को लेकर बीएए3 रेटिंग की पुष्टि की है. मूडीज ने भारत की अन्य अल्पकालिक स्थानीय-मुद्रा रेटिंग को भी पी-3 पर बरकरार रखा है. परिदृश्य स्थिर बना हुआ है. बीएए3 को निवेश स्तर की सबसे निचली रेटिंग माना जाता है.
तीनों वैश्विक रेटिंग एजेंसियों फिच, एसएंडपी और मूडीज ने स्थिर परिदृश्य के साथ भारत को सबसे कम निवेश-योग्य रेटिंग दी हुई है. निवेशकों के लिये किसी देश की रेटिंग उसकी साख को बताती है और यह कर्ज लेने की लागत को भी प्रभावित करती है. हालांकि मूडीज का मानना है कि पिछले सात-10 वर्षों में आर्थिक वृद्धि दर क्षमता के अनुकूल नहीं रही है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार इसके तेजी से बढ़ने की संभावना है. उसने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उच्च वृद्धि आय के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाने और कुल मिलाकर आर्थिक मजबूती में योगदान देगी. इससे राजकोषीय मजबूती को समर्थन मिलेगा और सरकार के कर्ज को भी स्थिर बनाने में मदद करेगा. इसके अलावा, वित्तीय क्षेत्र के लगातार मजबूत होने से आर्थिक और देनदारी के स्तर पर जो जोखिम था, वह भी दूर होगा.