वर्ष 2023 का मानसून सीजन शनिवार को आधिकारिक तौर पर खत्म हो गया. इस बार मानसून सीजन यानी 1 जून से 30 सितंबर के दौरान देशभर में औसत के मुकाबले 6 फीसद कम बरसात हुई है. मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस साल मानसून सीजन के दौरान देशभर में औसतन 820 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि सामान्य तौर पर पूरे मानसून सीजन के दौरान 868.6 मिलीमीटर बरसात होती है. मौसम विभाग के मुताबिक देशभर के 36 मौसम सब डिविजन में से 26 सब डिविजन में सामान्य बरसात हुई है, 3 सब डिविजन ऐसे रहे हैं जहां पर सामान्य से अधिक बरसात देखने को मिली है और 7 सब डिविजन ऐसे हैं जहां पर सामान्य के मुकाबले कम बरसात हुई है.
इस साल मानसून सीजन के दौरान बरसात का संतुलन सही नहीं रहा है, जून महीने के दौरान देशभर में औसतन 91 फीसद बरसात हुई है जबकि जुलाई के दौरान 113 फीसद बरसात दर्ज की गई है, इसके बाद अगस्त में सूखे के हालात पैदा हो गए थे और सिर्फ 64 फीसद बरसात हुई है, लेकिन सितंबर के दौरान देशभर में फिर से 113 फीसद बरसात दर्ज की गई है. इस वजह से पूरे सीजन में औसत बरसात का आंकड़ा 94 फीसद दर्ज किया गया है.
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में सामान्य के मुकाबले कम बरसात देखने को मिली है. हालांकि राजस्थान, गुजरात, हिमाचल, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों में सामान्य के मुकाबले ज्यादा बरसात दर्ज की गई है.
इस बीच देश में मानसून के वापस लौटने की शुरुआत भी हो चुकी है, 25 सितंबर को मानसून राजस्थान से वापस लौटना शुरू हो गया है. अक्टूबर मध्य तक मानसून पूरे देश से वापस लौट सकता है. देश में अब पोस्ट मानसून सीजन की शुरुआत होगी और मौसम विभाग का अनुमान है कि अक्टूबर के दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य के मुकाबले कम बरसात होगी. साथ ही अक्टूबर के दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान भी सामान्य के मुकाबले अधिक रहने का अनुमान है. मौसम विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में मौसम पर अलनीनो का असर बना रह सकता है.