बीते कुछ दिनों में मानसून में हल्का सुधार देखने को मिला है. हालांकि यह अभी भी सामान्य के मुकाबले 33 फीसदी कम है. मानसून में जो सुधार देखने को मिला है वह कुछ इलाकों में ज्यादा बारिश की वजह से है. चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की वजह से गुजरात और राजस्थान में सामान्य के मुकाबले ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से 20 जून के दौरान गुजरात में सामान्य के मुकाबले 166 फीसद और राजस्थान में 320 फीसद ज्यादा बारिश हुई है. हालांकि देश के अन्य प्रमुख राज्यों में मानसून अभी भी कमजोर बना हुआ है.
किन इलाकों में पहुंचने वाला है मानसून
मौसम विभाग ने अगले दो से तीन में पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाके, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के गंगा से सटे इलाकों और दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ और इलाकों में मानसून के पहुंचने का अनुमान लगाया है. दूसरी ओर मानसून में देरी के चलते खरीफ बुआई के पिछड़ने की वजह से पिछले एक पखवाड़े में चावल, पोहा, ज्वार, बाजरा और चिकेन के दाम में 5 से 15 फीसद की बढ़ोतरी हो गई है. जानकारों का कहना है कि जब तक बारिश बुआई के अनुकूल नहीं हो जाती है तब तक कीमतों में तेजी बनी रहने की आशंका है. इसके साथ ही बाजार में कपड़ा और अऩ्य जरूरी सामान की कीमतों में भी वृद्धि दर्ज की गई है.
मानसून में देरी का असर
देश के प्रमुख खेती वाले इलाकों में खरीफ की खेती 10-12 दिन पिछड़ चुकी है. बुआई में और देरी होने पर फसल की यील्ड में गिरावट की आशंका जताई जा रही है. मानसून की देरी के चलते सोयाबीन और दलहन की बुआई पर सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है. मौसम की जानकारी साझा करने वाली निजी संस्था स्काईमेट ने जुलाई के पहले हफ्ते तक देश में खेती के प्रमुख इलाकों में कमजोर बारिश का अनुमान जताया हुआ है.