मानसून (Monsoon 2023) की बारिश ने इस जून में ही पूरे देश को कवर कर लिया है. केवल पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में एक छोटा इलाका है जहां अभी मानसूनी बारिश नहीं हुई है. दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में गुरुवार की सुबह झमाझम बारिश हुई. इस बार मानसून की चाल को लेकर विशेषज्ञ भी हैरान है क्योंकि इसका रुख बदला हुआ है. देश के कई इलाके ऐसे हैं जहां अभी तक नाममात्र की ही बारिश हुई है. हालांकि देशभर में कुल बरसात के औसत में सुधार हुआ है. इससे देश में 28 जून तक बरसात की कमी का आंकड़ा घटकर 16 फीसद बचा है.
इस साल मानसून (Monsoon Latest Update) के आगे बढ़ने के ट्रेंड में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. 62 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है जब दिल्ली और मुंबई में एक साथ मानसून पहुंचा है. 23 अप्रैल से दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की गति ने जोर पकड़ा है. अमूमन दिल्ली में मानसून 30 जून के आसपास दस्तक देता है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार दिल्ली में इस बार 13 साल बाद जून में सबसे ज्यादा 16 दिन बारिश हुई है. इससे पहले वर्ष 2020 में जून में 13 दिन पानी बरसा था. देश के कई राज्यों में लगातार बारिश का दौर जारी है. आईएमडी का कि आने वाले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक कई राज्यों को बारिश का सामना करना पड़ सकता है.
अगले दो-तीन दिन तक बारिश
भारी बारिश के चलते मुंबई में गुरुवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर पश्चिम, मध्य और पश्चिम भारत में अगले तीन दिनों तक सक्रिय मॉनसून की स्थिति बनी रह सकती है. साथ ही अगले 2-3 दिनों के दौरान दक्षिण पश्चिम मॉनसून देश के बचे हुए हिस्सों की ओर बढ़ सकता है. इनमें राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के बचे हुए हिस्से शामिल हैं. मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश में तीन दिनों में अच्छी बारिश के आसार हैं. वहीं, अगले पांच दिनों में कोंकण और गोवा, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र के घाट, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश जमकर भीगेंगे. बिहार में भी 30 जून तक भारी बारिश की संभावनाएं हैं.
कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा
देश में बारिश तो खूब हो रही है लेकिन चिंता की बात यह है कि इसका वितरण सही नहीं है. मानसून की इस रफ्तार के बावजूद देश के कई हिस्से ऐसे हैं जहां पर नाम के लिए मानसून तो पहुंचा है, लेकिन बरसात की कमी बहुत ज्यादा है. खासकर पूर्वी और दक्षिण-पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में बरसात की भारी कमी है. बिहार को देखें तो वहां पर मानसून की अब तक की बरसात में 74 फीसद कमी है, कुछ ऐसा ही हाल झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का भी है. झारखंड में बारिश की कमी 50 फीसद है. महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भी बरसात की भारी कमी देखी जा रही है. 28 जून तक राज्य में 56 फीसद कम बारिश हुई. जिन सब डिविजन में ज्यादा बरसात हो रही है उनमें पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात का सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र शामिल है.