बैंक FD पर ज्‍यादा ब्‍याज मिलने की न करें उम्‍मीद

शॉर्टटर्म पूंजी की जरूरत को पूरा करने के लिए बैंक कर सकते हैं अतिरिक्‍स एसएलआर का इस्‍तेमाल, इसलिए फ‍िलहाल जमा दरों में बढ़ोतरी नहीं होने की है उम्‍मीद

बैंक FD पर ज्‍यादा ब्‍याज मिलने की न करें उम्‍मीद

त्योहारी सीजन में बढ़ने वाली कर्ज की मांग को पूरा करने के लिए बैंकों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. अधिकतर ऋणदाता अपने मार्जिन को बनाए रखने के लिए जमा दरें बढ़ाने से बचना चाहते हैं. वे शॉर्ट टर्म फंडिंग की दिक्‍कतों को दूर करने के लिए एसएलआर (अनिवार्य तरलता अनुपात) के रूप में रखी गई अतिरिक्‍त नकदी का प्रयोग कर सकते हैं. शीर्ष बैंक अधिकारियों का कहना है कि 9 सितंबर से 7 अक्टूबर के बीच इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेश्‍यो (आईसीआरआर) के भी चरणबद्ध तरीके से बंद होने से बैंकिंग सिस्‍टम में नकदी लौटेगी, जिससे बैंकों को त्योहारी सीजन में ऋण मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी.

केनरा बैंक के प्रबंध निदेशक सत्यनारायण राजू का कहना कि इस समय जमा दर बढ़ाने के बारे में कोई विचार नहीं है. अगर जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त एसएलआर का इस्‍तेमाल किया जाएगा. बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस पर सहमति जताई. उन्‍होंने कहा आईसीआरआर की वापसी से बैंकिंग प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लगभग 1 लाख करोड़ उपलब्ध होंगे जिससे शॉर्ट टर्म दरें एक साल के लिए कम हो जाएंगी. 25 अगस्त के अंत में बैंक क्रेडिट में साल-दर-साल 14.9% की वृद्धि हुई, जबकि जमा वृद्धि दर 12.3% दर्ज की गई.

सीएसबी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्‍टर पराले मंडल ने कहा कि 3 से 5 साल की अवधि वाली एफडी पर ब्‍याज दरें मध्‍यम अवधि में स्थिर रहेंगी. बढ़ी हुई क्रेडिट मांग को पूरा करने के लिए एसएलआर का उपयोग नहीं किया जाएगा. इसका उपयोग केवल शॉर्ट टर्म फंडिंग मिसमैच को पूरा करने के लिए किया जाएगा.

देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक का नेट इंटरेस्‍ट मार्जिन (एनआईएम) जून अंत में 27 बेसिस प्‍वांइट गिरकर 3.3% रह गया. वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा का एनआईएम 26 बीपीएस गिरकर 3.27% हो गया, जबकि केनरा बैंक का एनआईएम 25 बीपीएस गिरकर 2.78% हो गया. अगर डिपोजिट रेट और बढ़ते हैं तब इन बैंकों के मार्जिन पर और दबाव बढ़ेगा. इसलिए अपने मार्जिन को बचाने के लिए बैंक जमा दरों में और बढ़ोतरी करने से बचने की कोशिश करेंगे.

Published - September 12, 2023, 12:31 IST