मानसून में सुधार के बावजूद पिछड़ी खरीफ की खेती

पिछले साल के मुकाबले 34 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पिछड़ी बुवाई

मानसून में सुधार के बावजूद पिछड़ी खरीफ की खेती
मानसून सीजन की बरसात में सुधार के बावजूद खरीफ फसलों की खेती पिछले साल के मुकाबले पिछड़ी हुई है. खरीफ की सभी प्रमुख फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले पिछड़ा हुआ है. कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 7 जुलाई तक देशभर में खरीफ फसलों का कुल रकबा पिछले साल के मुकाबले 34 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पिछड़ा हुआ है. 7 जुलाई तक देशभर में कुल 321.17 लाख हेक्टेयर में खरीफ की खेती दर्ज की गई है. पिछले साल इस दौरान 355.5 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी थी.
किस फसल की कितनी बुवाई?

धान, कपास, दलहन और तिलहन सहित अधिकतर खरीफ फसलों की खेती घटी हुई है. 7 जुलाई तक धान का कुल रकबा 54.12 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जबकि पिछले साल इस दौरान 71 लाख हेक्टेयर से ज्यादा में धान की खेती हो चुकी थी. खरीफ दलहन की बात करें तो उनका रकबा 32.62 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जबकि पिछले साल 7 जुलाई तक 43.96 लाख हेक्टेयर में खरीफ दलहन की खेती दर्ज की गई थी. तिलहन का रकबा भी करीब 10 लाख हेक्टेयर पिछड़ा हुआ है और 61.1 लाख हेक्टेयर में फसल लगी है और कपास का रकबा करीब 9 लाख हेक्टेयर पिछड़ कर 71.56 लाख हेक्टेयर तक पहुंच पाया है.  हालांकि मोटे अनाज और गन्ने की खेती पिछले साल के मुकाबले आगे चल रही है, 7 जुलाई तक 41.15 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज का रकबा दर्ज किया गया है वहीं गन्ने की खेती 55.81 लाख हेक्टेयर में दर्ज की गई है.

बारिश की अब सिर्फ 3% की कमी
मानसून सीजन में आज तक हुई बरसात के आंकड़े देखें तो बारिश की कमी सिर्फ 3 फीसद ही बची है. पहली जून से 7 जुलाई तक देशभर में औसतन 215 मिलीमीटर बरसात हुई है जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान 221.6 मिलीमीटर बारिश होती है. शुरुआत में जिन राज्यों में बारिश की ज्यादा कमी थी उनमें भी कमी दूर हो रही है. बिहार में 7 जुलाई तक बरसात की कमी 26 फीसद बची है जबकि झारखंड में कमी का आंकड़ा 37 फीसद है, इसी तरह महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी पहले के मुकाबले बरसात की कमी में गिरावट आई है. हालांकि बरसात की कमी घटने के बावजूद खरीफ की बुआई पिछले साल के मुकाबले पिछड़ी हुई है.
Published - July 7, 2023, 04:30 IST