भारत के टॉप-50 लोन डिफॉल्टर्स पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों का 87 हजार 295 करोड़ का बकाया है. मेहुल चोकसी की गीतांजली जेम्स सबसे बड़ी विलफुल डिफॉल्टर है. गीतांजली पर बैंकों का 8 हजार 738 करोड़ रुपए बकाया है. इसके बाद एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग का नंबर है जिस पर 5 हजार 750 करोड़ का बकाया है. तीसरे नंबर पर REI एग्रो लिमिटेड है 5 हजार 148 करोड़ का बकाया है. एबीजी शिपयार्ड पर 4 हजार 774 करोड़ और कोनकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड पर 3 हजार 911 करोड़ बकाया है.
किन डिफॉल्टर्स पर कितना कर्ज?
इनके अलावा जो दूसरे डिफॉल्टर्स हैं- रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड पर 2,894 करोड़ रुपए, विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी लिमिटेड 2,846 करोड़, फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड 2,518 करोड़, श्री लक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड पर 2,180 करोड़, और ज़ूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 2,066 करोड़.
राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि शीर्ष 10 विलफुल डिफॉल्टरों पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों यानी शेड्यूल कमर्शियल बैंकों (SCBs) का 40,825 करोड़ रुपए बकाया है. कराड ने कहा कि एससीबी ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों (वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आरबीआई का प्रोविजनल डेटा) के दौरान 10,57,326 करोड़ रुपए की कुल राशि को बट्टे खाते में डाल दिया है. कराड ने कहा कि बैंकों को धोखाधड़ी या जानबूझकर चूक करने वालों के कर्ज को राइटऑफ करना, नियामक की तरफ से कोई नया निर्देश नहीं है, बल्कि पंद्रह सालों से अधिक समय से तय नियम है.
फ्रॉड से हुआ कितना नुकसान?
एक अलग जवाब में, कराड ने कहा कि 2022-23 में धोखाधड़ी के 66,069 मामले दर्ज किए गए जिनसे 85.25 करोड़ का नुकसान हुआ. पिछले वर्ष, धोखाधड़ी के 65,893 मामले सामने आए थे जिनसे 115.36 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ था. उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी रोकने के लिए आरबीआई समय-समय पर विनियमित संस्थाओं को निर्देश जारी करता रहा है.
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने जून 2016 में बैंकों के लिए और अक्टूबर 2018 में शहरी सहकारी बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा ढांचे पर एक सर्कुलर जारी किया था. इन सर्कुलर के मुताबिक, बैंकों को सलाह दी गई थी कि वे एक बोर्ड अप्रूव्ड साइबर सुरक्षा नीति लागू करें. इस सुरक्षा नीति में साइबर खतरों से निपटने के लिए रणनीति शामिल होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन), कंप्यूटर्स और नेटवर्क की सुरक्षा के लिए साइबर खतरों/कमजोरियों और जवाबी उपायों के बारे में अलर्ट और सलाह जारी करती है. जनसमर्थ पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके लॉन्च के बाद से कुल 23,276 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 21,250 शिकायतों को समयबद्ध तरीके से निस्तारित कर दिया गया. जनसमर्थ पोर्टल को क्रेडिट-लिंक्ड सरकारी योजनाओं के तहत लोन देने के लिए लॉन्च किया गया था.