कोरोना काल के बाद से लोग भविष्य को लेकर सजग हो गए हैं. यही वजह है कि अधिकतर भारतीय रिटायरमेंट के बाद जिंदगी गुजारने के लिए बचत पर ध्यान दे रहे हैं. इसके अलावा वे सेहत के प्रति भी जागरूक हो रहे हैं. इस बात की पुष्टि मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की ओर से किए गए एक सर्वेक्षण में हुई है. सर्वे के मुताबिक देश के लोग अब रिटायरमेंट के बाद गुजारे के लिए बचत पर फोकस कर रहे हैं. हालांकि, भारत आज भी सेवानिवृत्ति कोष के मामले में पूरी तरह संरक्षित नहीं है.
आंकड़ा विश्लेषक कंपनी कांतार के साथ मिलकर किए गए भारत सेवानिवृत्ति सूचकांक अध्ययन (IRIS) में सूचकांक 44 से बढ़कर 47 हो गया है. इसमें सुधार देखने को मिला है. इस ऑनलाइन सर्वे में स्वास्थ्य और वित्त को लेकर उत्तरदाताओं के विचारों का आंकलन किया गया. इसमें देश के 28 शहरों के 2,093 लोग शामिल हुए.
रिटायरमेंट प्लानिंग पर ये है लोगों की राय
वित्तीय प्लानिंग पर सर्वेक्षण में पाया गया कि 90 प्रतिशत लोगों को लगता है कि उन्होंने जल्दी बचत शुरू नहीं की. वहीं 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनकी बचत योजना रिटायरमेंट के बाद 10 साल तक चलेगी. जबकि 40 फीसद लोग ऐसे भी हैं रिटायरमेंट के बाद जीवनयापन के लिए निवेश शुरू नहीं किया है.
हेल्थ इंश्योरेंस लेने वालों में इजाफा
मैक्स लाइफ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रशांत त्रिपाठी ने कहा कि लोगों ने सेहत को महत्व देना शुरू कर दिया है और वे स्वास्थ्य बीमा और समय-समय पर जांच का सहारा ले रहे हैं. हालांकि बहुत कम लोग स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दे रहे हैं. सर्वे के अनुसार 44 प्रतिशत लोगों के पास हेल्थ इंश्योरेंस है और 58 प्रतिशत ने पिछले तीन साल में स्वास्थ्य जांच कराई है.