चावल के निर्यात पर पाबंदी के बावजूद सरकार के गोदामों में चावल का स्टॉक 3 साल के निचले स्तर तक चला गया है. भारतीय खाद्य निगम के आंकड़े बताते हैं कि 1 सितंबर को केंद्रीय पूल में चावल का कुल स्टॉक 232.88 लाख टन दर्ज किया गया जो 2020 के बाद सितंबर की शुरुआत का सबसे कम स्टॉक है और पिछले साल के मुकाबले करीब 12 लाख टन कम है. पिछले साल 1 सितंबर को केंद्रीय पूल में 244.63 लाख टन चावल का स्टॉक दर्ज किया गया है.
चावल की घरेलू जरूरत को देखते हुए सरकार ने जुलाई में गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, उसके बाद अगस्त में बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त लागू की है और साथ में सेला चावल के एक्सपोर्ट पर 20 फीसद टैक्स लगाया है. लेकिन इसके बावजूद सरकारी गोदामों में चावल का स्टॉक कम हो रहा है.
सरकार ने फ्री राशन योजना को दिसंबर तक बढ़ाया हुआ है जिसके तहत 81 करोड़ लोगों को हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन दिया जाता है. फिलहाल राशन की सप्लाई में अधिकतर चावल का ही इस्तेमाल हो रहा है जिस वजह से केंद्रीय पूल में स्टॉक कम हुआ है. ऊपर से इस साल सरकारी एजेंसियों की चावल खरीद भी पिछले साल के मुकाबले कम रही है. इस साल 4 सितंबर तक सरकारी एजेंसियों ने 569 लाख टन चावल की खरीद की है और पिछले साल अगस्त अंत तक ही 592 लाख टन की खरीद हो गई थी. कम खरीद की वजह से भी चावल के स्टॉक में कमी दर्ज की गई है.
हालांकि केंद्रीय पूल में गेहूं के स्टॉक की स्थिति कुछ बेहतर नजर आ रही है, स्टॉक पिछले साल के मुकाबले ज्यादा दर्ज किया जा रहा है. 1 सितंबर तक केंद्रीय पूल में कुल 260.37 लाख टन गेहूं का स्टॉक दर्ज किया गया है, पिछले साल इस दौरान 248.22 लाख टन गेहूं का स्टॉक था.