वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2023 के लिए ग्रोथ के आंकड़े सरकार ने जारी कर दिए हैं. सांख्यिकी मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक जून तिमाही के दौरान देश की GDP ग्रोथ 7.8 फीसद रही है. ग्रोथ का यह आंकड़ा रिजर्व बैंक के अनुमान से कम है. रिजर्व बैंक ने जून तिमाही में 8 फीसद ग्रोथ का अनुमान लगाया था. पिछले साल जून तिमाही के दौरान 13.1 फीसद ग्रोथ दर्ज की गई थी. हालांकि पिछले साल ज्यादा ग्रोथ की वजह 2021 का छोटा बेस था. 2021 में कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था में मांग नहीं थी. 2022 में जैसे ही मांग लौटी तो ग्रोथ का आंकड़ा बढ़ा हुआ नजर आया.
इस साल जून तिमाही के दौरान कृषि और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर को छोड़ बाकी हर सेक्टर में ग्रोथ कम रही है. माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 5.8 फीसद रही है जबकि पिछले साल जून तिमाही में 9.5 फीसद ग्रोथ थी, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 4.7 फीसद ग्रोथ का अनुमान है जबकि पिछले साल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 6.1 फीसद ग्रोथ दर्ज की गई थी. हालांकि कृषि और फाइनेंसियल सेक्टर में जून तिमाही के दौरान ग्रोथ दर्ज की गई है, कृषि सेक्टर की ग्रोथ 3.5 फीसद रही है और फाइनेंशियल सेक्टर की ग्रोथ 12.2 फीसद.
GDP का आकार 40.37 लाख करोड़ रुपए
गुरुवार को सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार इस साल जून तिमाही के दौरान कॉन्स्टेंट प्राइस पर देश की GDP का आकार 40.37 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया है, पिछले साल जून तिमाही में यह आंकड़ा 37.44 लाख करोड़ रुपए था. इस साल जून तिमाही के दौरान GDP ग्रोथ अनुमान से कम रहने की वजह निजी खपत और एक्सपोर्ट में आई गिरावट को माना जा रहा है. जून तिमाही के दौरान GDP ग्रोथ में निजी खपत की हिस्सेदारी घटकर 57.3 फीसद रह गयी है, पिछले साल जून तिमाही में निजी खपत की हिस्सेदारी 58.3 फीसद थी. एक्सपोर्ट की बात करें तो इस साल जीडीपी ग्रोथ में एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी कम होकर 20.9 फीसद रह गई है जो पिछले साल 24.4 फीसद थी.