बजट में राजकोषीय घाटे के लिए 5.3 फीसद का लक्ष्य मुमकिन

सरकार वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे को 5.9 फीसद पर लाने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने में सफल रहेगी: बोफा सिक्योरिटीज

बजट में राजकोषीय घाटे के लिए 5.3 फीसद का लक्ष्य मुमकिन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में राजकोषीय घाटे को भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.3 फीसद तक सीमित रखने का लक्ष्य रख सकती हैं. एक विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने यह अनुमान जताया है. बोफा सिक्योरिटीज ने एक टिप्पणी में कहा है कि सरकार वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे को 5.9 फीसद पर लाने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने में सफल रहेगी. ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषकों के मुताबिक, ‘हम चुनाव के दबाव के बावजूद केंद्र के राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद के 5.3 फीसद तक सीमित होता हुए देख रहे हैं.

इसके मुताबिक, सरकार व्यय में कटौती करने के बजाय पूंजीगत व्यय के सहारे वृद्धि को गति देकर राजकोषीय घाटे को कम करने की अपनी रणनीति पर कायम रहने का विकल्प चुनेगी. ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि डिजिटलीकरण के दम पर संगठित अर्थव्यवस्था को मिले समर्थन ने एक तरफ कर-राजस्व में उछाल और दूसरी तरफ सब्सिडी व्यय जैसे फालतू खर्चों को कम करके राजकोषीय गणित साधने में सरकार की मदद की है. सरकार पहले ही वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत तक लाने की प्रतिबद्धता जता चुकी है। इसके लिए हर साल इसमें क्रमिक कटौती करने का लक्ष्य रखा गया है.

बोफा सिक्योरिटीज ने राजस्व प्राप्तियां 10.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 30.4 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है. कर राजस्व में 10 फीसद और गैर-कर राजस्व में 14 फीसद की वृद्धि के कारण ऐसा होगा. नए वित्त वर्ष में विनिवेश आय में ‘मामूली बढ़ोतरी’ होने की संभावना भी इस टिप्पणी में जताई गई है. इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार की ताजा बाजार उधारी 11.6 लाख करोड़ रुपये होगी. इस दौरान 3.61 लाख करोड़ रुपये की ऋण परिपक्वता को देखते हुए सकल बाजार उधारी 15.2 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है.

Published - January 19, 2024, 07:15 IST